गोरखपुर (ब्यूरो)। वीसी ने सभी शिक्षकों को अपने रिसर्च की गतिविधियों पर आधारित पब्लिकेशन को अपने प्रोफाइल, सीवी, बॉयोडाटा नैक टीम द्वारा बनाये गए फॉरमेट के अनुसार बनाकर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इसी डाटा का प्रयोग कर अवार्ड देने, प्रमोशन, बाहरी प्रोजेक्ट की अनुमति, नौकरियों के लिए मान्यता, फेलोशिप के लिए किया जाएगा। सभी शिक्षक सात दिन के अंदर अपने बॉयोडाटा में अवार्ड और पब्लिकेशन को दर्शाते हुए समस्त जानकारी अपलोड कर दें। नैक मूल्यांकन में इसकी अहमियत ज्यादा है। प्रोजेक्ट के फंड, प्रमोशन, मान्यता, फेलोशिप के लिए आवेदन के दौरान अब यह आवश्यक हो गया है। वीसी ने कहा कि नैक मूल्यांकन के लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से अप्रैल में आवेदन किया जाएगा। मीटिंग में नैक के कोआर्डिनेटर प्रो। संदीप दीक्षित, आईक्यूएसी के डायरेक्टर प्रो। अजय सिंह, प्रो। विनय कुमार सिंह, प्रो। गौर हरि बेहरा, प्रो। सुनीता मुर्म आदि लोग मौजूद रहे।

नए सत्र में प्रवेश को आवेदन एक अप्रैल से, 31 मई तक भरे जा सकेंगे ऑनलाइन आवेदन फार्म

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सत्र 2022-23 में एडमिशन की प्रक्रिया एक अप्रैल से प्रारंभ होगी। 31 मई तक यूजी और पीजी के साथ सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज और पीएचडी में प्रवेश के लिए इच्छुुक कैंडिडेंट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.ddugu.ac.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

यह निर्णय वीसी प्रो। राजेश सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित शुक्रवार को यूनिवर्सिटी की प्रवेश समिति की मीटिंग में सहमति बनी है। यूजी एंट्रेंस एग्जाम के समन्यक प्रो। विनय सिंह, पीजी एंट्रेंस एग्जाम के समन्वयक प्रो। उदय सिंह और पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम के समन्वयक प्रो। अजय सिंह को बनाया गया है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेश की ओर से एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन 15-30 जून के बीच कराने की प्लान बनाई गई है। जुलाई माह से नए सत्र की पढ़ाई शुरु होगी।

'टीचर, पीएचडी स्कालर्स और पीजी के स्टूडेंट्स की लगेगी बॉयोमेट्रिक हाजिरी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कमेस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से मॉलिक्यूल्स टू मैटेरियल्स फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि सभी विभागों में अब बॉयोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाएगी। सभी विभागाध्यक्ष इसे प्राथमिकता के आधार पर 31 मार्च तक अपने-अपने विभागों में लगवाना सुनिश्चित करें। पहले चरण में टीचर, पीएचडी स्कालर्स के साथ पीजी के स्टूडेंट्स की हाजिरी लगाई जाएगी। हाजिरी के अनुसार ही वेतन, फेलोशिप का भुगतान होगा। चीफ गेस्ट काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कमेस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रो। डीएस पांडेय ने मॉलिक्यूल्स टू मेटेरियल्स फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर अपने विचारों को रखा। प्रोग्राम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया। समन्वयक प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन व संचालन आयोजन सचिव डॉ। नेत्रपाल सिंह ने किया। विभागाध्यक्ष प्रो। सुधा यादव ने वीसी व प्रो। ओपी पांडेय ने चीफ गेस्ट प्रो। डीयस पांडेय को पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर स्वागत किया।