- हजरत सैयद शाह मारूफ के सालाना उर्स मनाया गया

GORAKHPUR: वलियों की जिंदगी इंसान व इंसानियत की हिफाजत के लिए होती है। उनके लिए हर इंसान बराबर होते हैं। उनकी पूरी जिंदगी मानव कल्याण में गुजरती है। ये बातें नायब काजी मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने हजरत सैयद शाह मारूफ के सालाना उर्स के मौके पर अलीनगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हजरत सैयद शाह मारूफ ऐसे ही अल्लाह के वली थे, जिन्होंने मोहब्बत व भाईचारे का पैगाम देकर दिल से दिल को जोड़ा। उन्होंने तालीम व इंसानियत का पैगाम दिया। शहर के मशहूर रईसों में रईस बुजुर्ग और शेखे तरीकत हजरत सैयद शाह मारूफ का हसब व नसब 28 वास्ते से हजरत सैयदना जाफर तय्यार रजियल्लाहु अन्हु से जा मिलता है।

खिदमते खल्क का नमूना

आपके वालिद हजरत सैयद शाह अब्दुर्रहमान बादशाह मुअज्जम शाह के शासनकाल में गोरखपुर तशरीफ लाए और यहीं बस गए। शाह मारूफ मोहल्ले का नाम आपके ही जात से मशहूर व मंसूब है। अवाम को आपके दौर में इस्लाह-ए-बातिन नसीब हुई। इबादत, खिदमते खल्क और खुश खल्की का आप बेहतरीन नमूना थे। आपकी मजार शाह मारूफ मोहल्ले में है। आखिर में सलातो-सलाम के बीच जियारत करवाई गई। अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बंटी। उर्स में एडवोकेट नजमुल हक मारूफी, फैजल हक मारूफी, मसीउल्लाह मारूफी, मो। अजीम मारूफी, मारूफ समीउल्लाह, रेहान मारूफी, शाकिर अली सलमानी, जफर अहमद खान, मौलाना इश्तियाक अहमद, सैयद इरशाद अहमद, जर्रार बारी, अनीस अहमद, मोहम्मद फहीम, मोईनुद्दीन, हुमाम अफसर आदि मौजूद रहे।