गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके लिए रेलवे बोर्ड ने एनई रेलवे समेत सभी रीजनल रेलवे से अधिक ट्रैफिक वाले रूटों की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही यह भी मांगी है कि जिस रूट पर वंदे भारत चलाई जानी चाहिए, उस पर बसों और ट्रेनों की संख्या कितनी है। इसका आंकड़ा भी साथ में अटैच होना चाहिए। रोजाना कितने यात्री सफर करते हैं और इन दोनों सेवाओं से गन्तव्य तक पहुंचने में समय कितना लगता है। यह सारी डिटेल्स होनी चाहिए। रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद एनईआर प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। डाटा के आधार पर प्रशासन रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट भेजेगा। उसके बाद वंदे भारत ट्रेनों के चलाने का डिसीजन लिया जाएगा।

पांच रूट के लिए था प्रस्ताव

बता दें, एनई रेलवे में तीन डिवीजन लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर हैं। इन तीनों डिवीजन को मिलाकर करीब 500 स्टेशन हैैं। प्रमुख मार्ग और ज्यादा ट्रैफिक वाले रूट्स पर वंदे भारत ट्रेन को चलाने के लिए कवायद की जा रही है। दरअसल, गोरखपुर-लखनऊ रूट पर वंदे भारत ट्रेन के संचालन से पहले बोर्ड ने एनईआर ने रूटवार वंदे भारत चलाने की रिपोर्ट मांगी थी। बोर्ड ने उस प्रस्ताव पर जिन पांच रूटों को फाइनल किया था, उनमें गोरखपुर-प्रयागराज, काठगोदाम-आनंद विहार, लखनऊ-पटना वाया गोरखपुर और टनकपुर-देहरादून शामिल है। संभावना जताई जा रही है कि इन्हीं रूटों पर दोबारा से प्रस्ताव भेजा सकता है। इन रूटों पर अगर बोर्ड अपनी सहमति दे देता है तो इन शहरों के बीच काफी कम समय में वंदे भारत ट्रेन का यात्रियों को सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।

इन प्वाइंट्स पर मांगी रिपोर्ट

- पर्यटन स्थल, बिजनेस सेंटर, जिला मुख्यालय या राज्य की राजधानी। जो एक रेलवे से दूसरे को जोड़ती हों।

- रखरखाव और टर्मिनल सुविधा उपलब्ध है या नहीं

- जिस सेक्टर में वंदे भारत चलाई जानी है। उस सेक्टर में ट्रेनों की संख्या (रेगुलर, त्रि-साप्ताहिक, द्वि-साप्ताहिक, आदि) एक वर्ष के लिए श्रेणी-वार आक्यपेंसी सहित (अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक)

- संबंधित सेक्टर में बसों की संख्या और प्रकार (सुबह और शाम को) बसों द्वारा लगने वाला समय।

- गंतव्य तक पहुंचने के लिए एसी बसों का प्रति सीट किराया और नॉन-एसी बसों का प्रति सीट किराया।

वंदे भारत की खासियत

- वंदे भारत ट्रेन भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन है। अब तक, भारत की ट्रेनों में एक अलग इंजन कोच होता है, जबकि ट्रेन में बुलेट या मेट्रो ट्रेन जैसे एकीकृत इंजन हैं। इसके कारण यात्रा का समय कम हो जाता है क्योंकि नई तकनीक के कारण हाई स्पीड वाला होता है।

- ट्रेन में एसी चेयर कार के कोच हैं, जिनमें दो बैठने के विकल्प दिए गए हैं। इकॉनमी और एग्जीक्यूटिव क्लास।

- एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर दी गई हैं, जो 180 डिग्री तक मुड़ सकती हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस में प्रदान की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक यह है कि इसके दरवाजे मेट्रो की भांति ही आटोमेटिक खुलते हैं।

- वंदे भारत एक्सप्रेस उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट की सेवाओं का उपयोग करने के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा है। इसके अलावा, मोबाइल फोन या टैबलेट पर कुछ पढऩे के लिए इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे।

- ट्रेन के सभी डिब्बों में यात्रियों की पूरी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेन के ऑटोमेटिक दरवाजे केवल तभी खुलेंगे, जब ट्रेन पूरी तरह से रूक जाएगी। ट्रेन तभी चलना शुरू करती है जब दरवाजे पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।

वंदे भारत ट्रेन की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जिन रूट्स पर ट्रैफिक ज्यादा है, यात्रियों के बीच डिमांड है, उन रूट्स पर वंदे भारत चलाए जाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। अप्रूव्ल मिलने के बाद उन रूट्स पर वंदे भारत चलना शुरू हो जाएगी।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे