गोरखपुर (ब्यूरो)। करीब 15 दिन में सब्जी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। डीजल के बढ़े दाम का असर अब सब्जी दुकानों में देखने को मिल रहा है। एक सप्ताह के भीतर टमाटर के भाव में पांच से 30 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। यही हाल प्याज का भी है। भिंडी, गोभी, शिमला मिर्च की कीमतों में भी 10 से 15 रुपये का उछाल आ गया है। फल-सब्जी व्यापारी भोले शंकर ने बताया कि टमाटर इसलिए महंगा हुआ है, क्योंकि अब स्थानीय फसल खत्म हो गई है। लोकल प्रोडक्शन नहीं के बराबर होने के कारण ज्यादातर सब्जियां बाहर से आ रही हैं। भिंडी पहले 30 से 40 रुपये थी, लेकिन अब फुटकर में 50 रुपए किलो का भाव है।

सब्जियों के रेट (रुपए प्रति किलोग्राम में)

आलू 20 -25

प्याज 55-60

टमाटर 80

बैैंगन 60-80

मिर्च 50 - 60

भिंडी 50

नेनूआ 40-50

अदरक 80

करेला 60

खीरा 50

परवल 80

लहसुन 120

लौकी 40

कद्दू 40

फलों के दाम (रुपए प्रति किलोग्राम में)

सेब 30 - 50

केला 20-45 (12 पीस)

पपीता 30-35

सरीफा 50-60

मौंसमी 45-55

अनानास 55-60

अनार 100-120

घर का बजट लडख़ड़ाया

सब्जियों के दाम बढऩे से कई सब्जियां आम आदमी से दूर हो गई हैं। पहले जहां थाली में दाल के साथ दो सब्जियां होती थीं। वहीं, अब एक ही सब्जी रह गई है। बस स्टैैंड पर रहने वाले जाहिद अब्बास ने बताया, सब्जियों के दाम बढऩे से उनकी रसोई से सब्जी गायब हो गई है। अधिकतर दिन दालें ही खा रहे हैं लेकिन दालों की कीमत पहले ही आसमान छू रहीं हैं। ऐसे में रसोई का बजट लडख़ड़ा गया है।

सब्जी के दाम बढने सेे सीधा असर हमारी जेब पर पड़ रहा है। जबकि घर से हमें सीमित मात्रा में ही पैसे मिलते हैं और खाने-पीने की अन्य चीजों पर भी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। सरकार को महंगाई पर अंकुश लगाना चाहिए।

देवेश शुक्ला, इंदिरा नगर

महंगाई की वजह से दो सब्जियों की वैरायटी पर कमी कर दी गई है। अब हरी सब्जियों की जगह पर आलू सोयाबीन से काम चलाया जा रहा है। हरी सब्जी की जगह छोले और राजमा ने ले ली है।

अनिता सिंह, रुस्तमपुर