गोरखपुर (ब्यूरो)। सहजनवां के घघसरा बाजार में शुक्रवार को प्रचार करने के आरोप में पुलिस ने पूर्व विधायक यशपाल रावत के खिलाफ केस दर्ज किया। वह अपने अनेक समर्थकों

संग घघसरा बाजार में चुनाव संबंधी प्रचार प्रसार कर रहे थे। इसकी शिकायत सुनील कुमार कश्यप ने दर्ज कराई। मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। इंस्पेक्टर

अंजुल कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सपा नेता पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ है।

हेल्पलाइन नंबर 1950 पर आ रही शिकायतें

जिले में चुनाव आचार संहिता का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की है। इसकी शिकायत करने के लिए कंट्रोल रूम का सेंट्रल नंबर 1950 जारी किया गया है।

एडीएम फाइनेंस ने बताया कि इस नंबर पर रोजाना दो से तीन शिकायतें आ रही हैं। शिकायकर्ता जिसे आचार संहिता का उल्लंघन बता रहे हैं। जांच में वह शिकायतें सही नहीं पाई

जा रही हैं। जिन मामलों को सही पाया जाएगा। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

सी-विजिल एप पर कर सकते हैं शिकायत

चुनाव आचार संहिता की आनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया ने सी विजिल एप लांच किया है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करके

इस्तेमाल किया जा सकता है। एप डाउनलोड करने पर मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन होगा। इसमें स्टेट, डिस्ट्रिक्ट और विधानसभा क्षेत्र की जानकारी पिन कोड के साथ देनी होगी। इसके

बाद इसमें लॉगिन किया जा सकेगा। सी विजिल एप में शिकायत के लिए फोटो, आडियो और वीडियो का आप्शन दिया गय है। शिकायत के दौरान जीपीएस के जरिए लोकेशन ट्रैक

होगी। शिकायत होने पर इसकी जानकारी डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम को मिल जाएगी। एप में अन्य कई सुविधाएं भी दी गई हैं।

डॉयल 112 पर भी कर सकते हैं कॉल

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत डॉयल 112 पर भी की जा सकती है। एसएसपी डॉ। विपिन ताडा ने बताया कि शिकायत मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंचेगी।

मौके से मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव आचार संहिता में इन पर रोक

- पब्लिक कार्यक्रम में नए इनॉगरेशन और शिलान्यास।

- नए कामों की स्वीकृति पर पूरी तरह से रोक लगी होती है।

- गवर्नमेंट उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगाई जाएगी।

- निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी सरकारी, शासकीय दौरा नहीं होगा।

- सरकारी व्हीकल में सायरन नहीं लगेंगे।

- सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो पर रोक रहेगी।

- गवर्नमेंट की उपलब्धि का विज्ञापन नहीं होगा।

- सोशल मीडिया पर किसी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में कार्रवाई होगी।

- किसी भी स्थान पर पांच या पांच से अधिक एकत्र नहीं हो सकेंगे।

- एक व्हीकल में पांच लोगों के साथ चलने पर प्रतिबंध।

- राजनीतिक पार्टियों के दफ्तर सहित अन्य जगहों पर झंडे लगाने के लिए अनुमति लेनी होगी।

- रुपए पैसे लेकर चलने पर रोक नहीं रहेगी। लेकिन जांच के दौरान इसका हिसाब भी देना होगा।

पब्लिक भी रहे अवेयर, हो सकती है कार्रवाई

जिला प्रशासन से जुड़े लोगों का कहना है कि राजनीतिक दल, नेता, कार्यकर्ता के अलावा आम लोगों के खिलाफ भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हो सकता है।

यदि कोई भी व्यक्ति किसी का प्रचार कर रहा है तो उसे भी आचार संहिता के नियमों का पालन करना होगा। चुनाव के लिए सरकारी सुविधाओं का उपभोग, सरकारी व्यवस्था का

इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। किसी विशेष दल को लाभ पहुंचाने सहित अन्य तरह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग अपने आब्जर्वर तैनात करता है।

थाने में भी देनी होती है जानकारी

इस दौरान किसी भी प्रत्याशी और पार्टी को जुलूस निकालने, रैली करने, बैठक करने सहित अन्य गतिविधियों के लिए चुनाव आयोग से परमिशन लेनी होती है। इसकी सूचना संबंधित

थाने में देनी होती है। कार्यक्रम, स्थान, समय से संबंधित की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देने की बात भी कही गई है। ऐसा न करने पर उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जा

सकती है।

वर्जन

सी विजिल एप पर शिकायतें नहीं आ रही हैं। लोग इसे अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करें जिससे वह अपनी शिकायत रख पाएं। इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि इसका

लाभ अधिकांश लोग उठा सकें। जो भी शिकायतें आएंगी उनकी जांच कराकर कार्रवाई होगी।

विजय किरन आनंद, डीएम गोरखपुर

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की सूचना डॉयल 112 पर भी दी जा सकती है। इसके लिए पर्याप्त साक्ष्य भी होने चाहिए। झूठी शिकायत करने और बेवजह परेशान करने पर भी

एक्शन लिया जाएगा। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का पहला मुकदमा सहजनवा में दर्ज किया गया है।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर

हेल्पलाइन नंबर पर चुनाव आचार संहिता से संबंधित दो-तीन शिकायतें रोजाना सामने आ रही हैं। लेकिन जांच में वह सही नहीं पाई जा रही हैं। शिकायतकर्ता तथ्य के साथ अपनी

बात रखें। इसके लिए हेल्प लाइन नंबर 1950 और सी विजिल एप पर सुविधा दी गई है।

राजेश कुमार सिंह, एडीएम, फाइनेंस