- राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले मना रहे कि न हो बारिश

- हॉस्टल की छत से टपकता है पानी, कोई नहीं सुनता दर्द

GORAKHPUR: उमस और तपिश से सब परेशान हैं। शहर इस इंतजार में है कि जमकर बारिश हो और इस गर्मी से राहत मिल जाए। लेकिन, इसी शहर में, इसी टेम्प्रेचर में जीने वाले कुछ युवा भगवान से मना रहे हैं कि बारिश न हो। कहते हैं कि यह बारिश उन्हें गर्मी से तो राहत दे जाएगी लेकिन उनकी परेशानियों को कई गुना बढ़ा जाएगी। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के हॉस्टल की छत से हर साल बारिश में पानी टपकता है और इसी के साथ इसमें रहने वाले हॉस्टलर्स का दर्द भी छलक पड़ता है। बावजूद यह आज तक किसी को नजर नहीं आया। आई नेक्स्ट ने जब इसका रिएलिटी चेक किया तो हॉस्टलर्स ने खुलकर अपना दर्द बयां किया।

खिड़कियों से पानी की बौछार

एक तरफ जुबिली इंटर कॉलेज के हॉस्टल के कमरे की खिड़कियों के दरवाजे तक टूटे हुए हैं। छत से पानी टपकता है तो खिड़कियों से बौछार आता है। बरसात बीतती है तो ठंड में हांड़ कंपाती ठंड सिहरा जाती है। हास्टलर्स सर्दी जुकाम और बुखार से परेशान हो जाते हैं। अभी गर्मी के मौसम में भी हॉस्टलर्स परेशान हैं लेकिन बारिश में उनकी परेशानी इससे भी अधिक बढ़ने वाली है। इसलिए वे बरसात को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। कहते हैं कि कोई ऐसा दिन नहीं कि स्टूडेंट्स प्राइमरी इलाज के लिए डॉक्टर का परामर्श न ले रहे हों।

पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं

एक तरफ हॉस्टलर्स बारिश के पानी से परेशान रहते हैं तो दूसरी तरफ पीने के शुद्ध पानी के लिए तरस जाते हैं। हॉस्टलर्स का कहना है कि पीने के पानी के लिए टंकी तो है लेकिन उसकी सफाई नहीं होती। सीमेंट की टंकी में काई की कई परतें जमी हुई हैं। कभी-कभी पानी में भी उसका कुछ हिस्सा आ जाता है। पीने का मन नहीं करता लेकिन पीना पड़ता है।

किए थे वादे, लिए थे रुपए

11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स की मानें तो उनके पैरेंट्स इसी उम्मीद पर उन्हें हॉस्टल में रहने की इजाजत दिए थे कि उन्हें घर जैसी सुविधा कॉलेज के हॉस्टल में मिलेगी। इसके लिए फीस के दौरान ही 7000 रुपए भी जमा करा लिए गए। लेकिन सुविधा के नाम पर मात्र कमरा, पंखा और नये प्रवेशार्थी को एक चौकी दी गई है। वहीं पुराने हॉस्टलर्स को केवल कमरा ही मिला है।

बजट ही नहीं

राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल जगदीश नारायण सिंह बताते हैं कि पिछले तीन चार साल से कोई बजट नहीं मिला है। इस बार फिर से दोनों हॉस्टल, टीचर्स आवास, स्कूल की बाउंड्री वाल के अलावा डिपार्टमेंट की मरम्मत के लिए करोड़ों का इस्टीमेट बना है। लेकिन अभी तक बजट न आने से हालात जस के तस हैं।

राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के हॉस्टल की मरम्मत के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। संभावना है कि अगले एक दो महीने में मरम्मत का कार्य शुरू हो जाए।

- एएन मौर्य, डीआईओएस, माध्यमिक शिक्षा कार्यालय, गोरखपुर

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गर्मी, जाड़ा, बरसात, सब करता परेशान

राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के हॉस्टलर्स की परेशानियां पता चलने पर आई नेक्स्ट ने मौके पर जाकर इसकी पड़ताल की। कॉलेज के दो हॉस्टल मेरिट एकीकृत और एकीकृत हॉस्टल का जर्जर हालत में हैं। खिड़कियां टूटी हुई हैं। कई स्टूडेंट्स ने तो अपने कमरे के खिड़कियों पर पेपर लगा रखे हैं, ताकि हवा न आए। लेकिन बरसात में ये पेपर भी किसी काम के नहीं रह जाएंगे। हॉस्टलर्स इसीलिए परेशान हैं।

जितने होनहार, उतनी ही दिक्कत

मेरिट एकीकृत हॉस्टल में होनहार स्टूडेंट्स को कमरा एलॉट किया जाता है, जिन स्टूडेंट्स का मेरिट लिस्ट में नाम होता है या जिनका परफॉर्मेस अच्छा होता है, उन्हें ही इसमें कमरा एलॉट किया जाता है। लेकिन यहां की बदहाली भी कम नहीं। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि कोशिश रहती है कि हॉस्टलर्स को कोई परेशानी न हो लेकिन यहां पहुंचने पर साफ नजर आता है कि कभी कोई कोशिश ही नहीं होती।