गोरखपुर (ब्यूरो)। नगर निगम ने लोगों की पेयजल प्रॉब्लम को देखते हुए पार्षदों के प्रस्ताव पर दो साल पहले ही ट्यूबवेल को लेकर संस्तुति दे दी थी। विभिन्न वार्डों में स्थापित 16 ट्यूबवेल को स्थापित करने के लिए नगर निगम ने 3.50 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की है। इनमें करीब 72 लाख रुपए बिजली निगम को कनेक्शन के लिए दिए गए हैं। एक ट्यूबवेल से 250 से लेकर 350 परिवारों तक पानी की सप्लाई पहुंचती है। लेकिन साहबों की अनदेखी से घरों तक सप्लाई बहाल नहीं हो सकी। ट्यूबवेल स्थापना के इस्टीमेट में ही बिजली कनेक्शन की रकम भी शामिल होती है। सिर्फ पत्र लिखने से काम हो जाता है। लेकिन ट्यूबवेल स्थापना के महीनों बाद भी कनेक्शन नहीं होना लापरवाही की हद है।

सिविल लाइंस के ट्यूबवेल कनेक्शन का चेक बाउंस

सिविल लाइंस स्थित पुलिस लाइन में ट्यूबवेल के बिजली कनेक्शन के लिए नगर निगम ने 6.70 लाख रुपए का चेक बिजली निगम को दिया था। लेकिन यह चेक बाउंस हो गया है। जिसे देखते हुए बिजली विभाग ने कनेक्शन की प्रक्रिया रोक दी है।

यहां स्थापित हुए हैं ट्यूबवेल

राजेंद्र नगर पश्चिमी, बरगदवा में, अंधियारीबाग, महेवा ट्रांसपोर्ट नगर, लच्छीपुर शिव मंदिर के पीछे, जटेपुर काली मन्दिर (रेलवे लाइन के किनारे), माधोपुर, माधोपुर बाले मियों मैदान के पास, कल्याणपुर रानी लक्ष्मी बाई पार्क में, सिधारीपुर, शहीद अब्दुल्लाह नगर में, जाफरा बाजार इस्लाम चक, इस्माईलपुर, रहमतनगर पुलिस चौकी के पास, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस नगर, राप्तीनगर पत्रकारपुरम में, सिविल लाइन प्रथम पुलिस लाइन परिसर में, राजेंद्र नगर पूर्वी हनुमंत व्यायामशाला के पास, महेवा सिद्धी विनायक कालोनी चकरा अव्वल में ट्यूबवेल स्थापित है।

ट्यूबवेल रिबोर होने के महीनों बाद भी बिजली कनेक्शन नहीं होना लापरवाही है। इसे लेकर मुख्य अभियंता से वार्ता की गई है। उन्हें तीन दिन के अंदर सभी ट्यूबवेल को चालू कराने को निर्देशित किया गया है। तीन दिन बाद फिर समीक्षा की जाएगी। लापरवाही हुई तो कार्रवाई होगी।

- सीताराम जायसवाल, मेयर