-दिग्विजयनाथ महाविद्यालय में सात दिवसीय व्याख्यानमाला का छठां दिन

नई शिक्षा नीति स्टूडेंट्स को वैश्रि्वक नागरिकता के परिप्रेक्ष्य में तैयार करने में सहायक होगी। स्टूडेंट एक सब्जेक्ट को पढ़ते हुए दूसरे विषय में भी अध्ययन कर सकेगा, जो मूल्य आधारित होगा। सामाजिक व आर्थिक रूप से वंचित स्टूडेंट को वित्तीय सहायता एवं छात्रवृत्ति प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर टीचर्स द्वारा अन्य टीचर को समय-समय पर परामर्श दिया जाएगा। कृषि शिक्षा के अंतर्गत स्टूडेंट का अपनी मिट्टी से जुड़ाव होगा और जब मिट्टी से जुड़ाव होगा तो भारत माता से जुड़ाव होगा। इस प्रकार नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा को गति प्रदान करते हुए विश्वगुरू के रूप में स्थापित करेगी। यह बातें जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया की वीसी प्रो। कल्पलता पांडेय ने कही।

शिक्षा नीति पर बोले वक्ता

वह मंगलवार को दिग्विजयनाथ महाविद्यालय में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महराज की 125वीं जयंती वर्ष एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन अवेद्यनाथ महराज के जन्म शताब्दी वर्ष की स्मृति में सात दिवसीय व्याख्यानमाला के छठें दिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषय पर बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहीं थी। इस दौरान डॉ। अमरनाथ तिवारी, डॉ। नित्यानंद श्रीवास्तव, डॉ। वीणा गोपाल मिश्रा, डॉ। नीरज सिंह, डॉ। कमलेश कुमार मौर्य, डॉ। पीयूष सिंह तथा डॉ। सुभाष चंद्र द्वारा सवाल पूछे गए। जिसका मुख्य वक्ता 6 ने जवाब दिया। प्रोग्राम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ। शैलेंद्र प्रताप सिंह व स्वागत डॉ। शुभ्रा श्रीवास्तव ने किया। निधि राय ने आभार ज्ञापित किया। संचालन डॉ.सुभाष चंद्र ने किया। इस दौरान डॉ। राजशरण शाही, डॉ। अमरनाथ तिवारी व डॉ। पवन कुमार पांडेय समेत महाविद्यालय के टीचर व स्टूडेंट शामिल रहे।