गोरखपुर (ब्यूरो)। मीनाक्षी ने बताया, उनके पति ने रात में फोन करके पत्नी को बताया था कि पुलिस होटल में पहुंचकर बेवजह परेशान कर रही है। उनके भांजे ने लखनऊ में बीजेपी नेता दुर्गेश बाजपेयी को कॉल करके शिकायत की थी। इसकी जानकारी होने से पुलिस कर्मचारी ज्यादा गुस्से में आ गए। इसलिए उन लोगों ने मनीष और उनके दोस्तों की पिटाई की। मीनाक्षी ने होटल में पहुंचकर भी ब्लड साफ करने और पुलिस को बचाने का आरोप होटल कर्मचारियों पर लगाया। होटल के कमरे से मनीष का पर्स, चप्पल गायब थीं। बताया जा रहा है कि सीसीटीवी कैमरे की हार्डडिस्क भी पुलिस उठा ले गई है।

दोबारा सामने आई घटना, नहीं कर सके मैनेज

रामगढ़ताल एसएचओ जेएन सिंह अक्सर सुॢखयों में रहते हैं। इसके पूर्व भी रामगढ़ताल थाने में हिरासत में लिए गए युवक की मौत हो गई थी। तब परिजनों ने उसकी पिटाई का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने एक नेता की मदद से फैमिली मेंबर्स को मैनेज कर लिया था। 13 अगस्त को गायघाट बुजुर्ग में युवती से मिलने गए गौतम सिंह को घरवालों ने पकड़ लिया। उसे पुलिस थाने पर ले आई। थाने पर ही गौतम की जान चली गई। परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया था। इसके पूर्व बांसगांव में तैनाती के दौरान भी जेएन सिंह पर आरोप लगे थे।

मौत की वजह एंटीमार्टम इंजरी, बदन पर चोट के निशान

मनीष का पोस्टमार्टम होने के बाद उनके पिता, पत्नी सहित अन्य परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद पुलिस अफसरों से मुकदमे की मांग करने लगे। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने एसपी साउथ को तहरीर भी दी। बताया जाता है कि मनीष के बदन पर कटने के निशान भी हैं। मौत की वजह एंटी मार्टम इंजरी बताई गई है। पोस्टमार्टम हाउस पर यह बात भी सामने आई कि पुलिस ने बेल्ट से पिटाई की थी। हालांकि पुलिस अधिकारी बार-बार कहते रहे कि गिरने की वजह से सिर में चोट लगी है।

बिजनेसमैन से होती वसूली, खूब चलता है खेल

बाहरी लोगों के बिजनेस डील के मामले में गोरखपुर आने पर कुछ थानों की पुलिस की नजर रहती है। कहा जा रहा है कि उनकी जांच के बहाने उत्पीड? करके धन उगाही की जाती है। रामगढ़ताल के मामले को लेकर भी इस तरह की चर्चा होती रही। लोगों ने कहा कि किसी बड़ी सूचना के बिना होटल में ठहरे किसी व्यक्ति की रात में चेकिंग का कोई औचित्य नहीं है। इसके पूर्व भी रामगढ़ताल कुछ लोगों को कैंट एरिया के गोलघर स्थित एक होटल से पकड़कर डकैती की योजना बनाने में जेल भेज चुकी है।

एसीएस होम ने तलब की रिपोर्ट

रियल स्टेट कारोबारी की मौत को गोरखपुर के पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन इसे लेकर लखनऊ में हड़कंप मचा रहा। सभी दलों ने इस पर प्रदेश सरकार की खिंचाई की। मामला गर्म होने पर एससीएस होम ने पूरे प्रकरण की जानकारी डीएम से तलब कर ली। देर शाम तक मनीष के परिजनों और पुलिस के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा। आरोपित पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद ही बॉडी कानपुर ले जाने को कहा। देर रात डीएम विजय किरण आनंद व एसएसपी डॉ। विपिन ताड़ा मेडिकल कॉलेज पहुंचे और परिजनों से बात की, लेकिन परिवारीजन आरोपित पुलिसकॢमयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन अधिकारी इस पर सहमत नहीं हुए। इसके बाद परिवार के लोग मेडिकल कॉलेज कैंपस में ही धरने पर बैठ गए। इसकी जानकारी होने पर डीएम व एसएसपी दोबारा मेडिकल कॉलेज पहुंचे और प्रकरण को सुलझाने के लिए एक घंटे का समय मांगा।

इन सवालों से कठघरे में पुलिस

- होटल में किस तरह के संदिग्धों के ठहरने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी।

- पुलिस को किसने बताया कि रूम नंबर 512 में ही तीन संदिग्ध युवक रुके हुए हैं।

- रात में साढ़े 12 बजे पूछताछ के दौरान पुलिस ने वीडियो क्यों नहीं बनाया जबकि मामूली मामलों में तत्काल कांस्टेबल वीडियो बनाने लगते हैं।

- होटल ने सीसीटीवी फुटेज देने से मना कर दिया। मैनेजर ने कहा कि जांच एजेंसी के अतिरिक्त को कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है।

- मामला संदिग्ध नहीं था पुलिस को तत्काल वीडियो फुटेज जारी करना चाहिए था। लेकिन पुलिस इस मामले में बचाव करती रही।

सिर में चोट से मौत की पुष्टि, प्रिजर्व किया बिसरा

रियल स्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता का पोस्टमार्टम करीब साढ़े छह बजे पूरा हो गया था। दो डॉक्टरों के पैनल ने उनका पोस्टमार्टम किया। सिर में चोट से मौत की पुष्टि के बावजूद डॉक्टरों की टीम ने बिसरा प्रिजर्व किया। मनीष के दाहिने हाथ में दो जगह नुकीली चोट है। माथे और आंख के ऊपर भी चोट के निशान, मुंह और नाक से खून निकलने के निशान भी पाए गए।

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