गोरखपुर (ब्यूरो)। कचरे की छटाई का कार्य नेता जी सुभाष चन्द्र बोस कॉलोनी में बने एमआरएफ सेंटर में होगा। सूखे व गीले कूड़े का अलग-अलग कलेक्शन किया जाएगा। सूखे कूड़े की छटाई कराते हुए प्लास्टिक, कागज, दफ्ती, शीशा, धातु, कार्ड बोर्ड अलग-अलग रखा जाएगा। इसकी छटाई एमआरएफ सेंटर में महिलाएं करेंगी। वहीं, मंदिरों सें फूलों और मालाओं का संग्रहण किया जाएगा, इसकी भी कम्पोस्टिंग की जाएगी और आवासीय भवनों सें निकलने वाले गीले कूड़े (किचेन वेस्ट) की स्त्रोत पर ही कम्पोस्टिंग होगी। कम्पोस्टिंग में प्राप्त सूखे एवं तरल खाद की ब्रांडिंग कर विक्रय होगा। इससें भी इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को अतिरिक्त आय होगी और महिलाएं आर्थिक रूप सें सशक्त होंगी, जिसे मिशन शक्ति योजना के तहत उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।

- शहर के रिहायसी कॉलोनियों में वेलफेयर एसोसिएशन और नगर निगम के आपसी सहयोग से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के तहत गीला एवं सूखा कूड़े प्रभावी तरीके सें अलग-अलग हरा, नीले डस्टबिन में डालकर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करते हुए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

- रेजीडेंशियल वेलफेयर एसोसियेशन (आरडब्लूए) कॉलोनियों के समितियों सें संपर्क कर कूड़ा निस्तारण के लिए अवेयरनेस के अभियान को प्रभावी तरीके से चलाया जाएगा।

-प्रत्येक रेजीडेंशियल वेलफेयर एसोसियेशन (आरडब्लूए) कॉलोनियों में आवासों एवं उसमें रहने वाले परिवारों को सूखे और गीले कूड़े की जानकारी देना।

- रेजीडेंशियल रेजिडेसिंयल वेलफेयर एसोसियेशन (आरडब्लूए)कॉलोनियों सें निकलनें वाले गीले एवं सूखें कूड़े की मात्रा के अनुसार स्थल पर ही डिस्पोजल के लिए कम्पोस्टिंग एवं सूखे कचरे की उचित निस्तारण के लिए जागरूक किया जाना है।

-स्त्रोत पर ही कूड़े के पृथ्थकीकरण लिए सूखे एवं गीले कूड़े को अलग-अलग रखने के लिए प्रत्येक परिवारों को नीला व हरा डिब्बा उपलब्ध कराया जा रहा है।

- नगर निगम की तरफ से नेता जी सुभाष चंद्र बोस कॉलोनी में बनें एमआरएफ सेंटर में महिलाओं की तरफ से होगी, जिससें उनकों अतिरिक्त आय मिलेगी और महिलाए आर्थिक रूप सें सशक्त होगी, जिसे मिशन शक्ति योजना के तहत उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।

- गीले कूड़े लिए हरा डस्टबिन उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें रसोई का कचरा, सब्जियों और फलों के छिलके, पका हुआ भोजन व बचा हुआ भोजन, अण्डे के छिलके, चिकन व मछली केअवशेष, सडे फल एवं सब्जिया, गंदा टिशू पेपर, चाय बैग आदि, पत्ते के प्लेट्स, उद्यान अपशिष्ट, गिरी हुई पत्तियॉ, टहनिया, पूजा के फूल मालाए, घास रखी जाएगी, जिससे आगे चल कर इनसे जैविक खाद, अगरबत्ती एव अन्य सहउत्पाद तैयार किए जाने के लिए प्रेरित किया जाना है।

- सूखे कूडे लिए नीला डस्टबिन उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें कागज, अखबार, पत्रिका, स्टेशनरी, जंक मेल, गत्ते के बक्सें, पिच्जा के बक्सें, टेट्रा पैक्स, धातु, पन्नी कंटेनर, धातु के कैन अन्य सूखा कचरा रखें जाएगा, जो मौके पर ही एसोशियेन एवं नगर निगम की ओर से विक्रय कर एक्स्ट्रा आय होगा।

-इन कार्यो सें वेलफेयर एसोसियेशन एवं नगर निगम की समन्वय सें विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में प्रगति बढेगी। आगे हम कूडे को स्त्रोत वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने में सफल होगें।

-गीले कचरें का वैज्ञानिक निस्तारण के क्रम में महानगर में विद्यमान पार्को में कम्पोस्ट हेतु गढ्ढे की खुदाई कराकर वहॉ पर जैविक खद, वर्मी कम्पोस्ट खाद एवं फूलों के अपशिष्ट सें खाद बनाने की योजना को मूर्त रूप् देकर इन खादों की ब्राडिंग संजीवनी जैविक खाद के तौर पर किया जाना है।

-इन कार्यो से महानगर में अन्य समुदायों, जैसे व्यापारियों, विद्यार्थियों, गृहणियों, आदि को जोड़ते हुए महानगर कों सुंदर एवं स्वच्छ पर्यावरण को विकसित किया जाएगा।

फैक्ट फाइल

-70 वार्ड महानगर में हैं।

-315 मीट्रिक टन डेली कूड़ा उठता है।

-35 परसेंट गीला कचरा निकलता है।

-65 परेसेंट सूखा कूड़ा निकलता है।

-5 परसेंट सेनेट्री

-5 परसेंट मेडिकल वेस्ट

इस अभियान से महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इससे उनको अतिरिक्त आय होगी और महिलाएं आर्थिक रूप सें सशक्त होंगी, जिसे मिशन शक्ति योजना के तहत उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।

अविनाश सिंह, नगर आयुक्त नगर निगम