गोरखपुर (ब्यूरो)।यही वजह है कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के स्कीम रेडीमेड गारमेंट के लिए महिलाएं ज्यादा इंट्रेस्टेड हैैं। उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, ओडीओपी के लिए पिछले साल 2022-23 में 400 लोगों को ट्रेनिंग कराने का लक्ष्य रखा गया था। इनमें 300 को रेडीमेड गारमेंट और 100 लोगों को टेराकोटा के लिए ट्रेनिंग भी दी गई, लेकिन 300 रेडीमेड में 160 से ऊपर महिलाओं ने रेडीमेड गारमेंट के लिए ट्रेनिंग में रुचि दिखाई। जबकि बाकी पुरुष ट्रेनिंग में शामिल रहे। वहीं इस बार 2023-24 के लिए कुल 450 लोगों को ट्रेनिंग का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 300 रेडीमेड गारमेंट और 150 टेराकोटा ट्रेनिंग के लिए है।

बता दें, गोरखपुर की ऐसी कई महिलाएं हैं, जो अपने नए आइडिया को बिजनेस में कनवर्ट कर रही हैं। समाज में खुद की पहचान बनाने के लिए स्टार्टअप को बेहतर कॅरियर मान रही हैैं।

22 साल की उम्र में स्टार्टअप

ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) के तहत अब आधी आबादी भी खुद को स्टार्टअप के लिए तैयार कर चुकी हैैं। यही वजह है कि 22 साल की उम्र में शशि प्रजापति नौका विहार और चिडिय़ाघर में चैैंबर ऑफ रेडीमेड के अध्यक्ष रमा शंकर शुक्ल के नेतृत्व में अपना प्रोडक्ट स्कूली ड्रेस, कुर्ती, पैजामा, पैैंट, शर्ट, जैकेट समेत तमाम कॉटन व खादी के कपड़े को सस्ते दाम पर बिक्री कर रही हैैं। वह बताती हैैं कि आज वह खुद के पैरों पर खड़ी हैैं। वह बाकी को भी यह संदेश देती हैैं कि महिलाएं आज स्वावलंबी बन रही हैैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत हर एक महिलाओं को सेल्फ कांफिडेंस होना चाहिए।

घर से शुरू किया डोसा व इडली का स्टार्ट अप

हजारीपुर की रम्या बताती हैैं कि वे मूल निवासी आंध्र प्रदेश की हैैं। लेकिन पिछले 25 वर्ष से गोरखपुर में हैैं। उन्होंने घर से डोसा और इडली का स्टार्टअप शुरू किया। आज वह घर के बाहर खुद के दुकान में पहुंच चुकी हैैं। यही वजह है कि बैैंक रोड स्थित उनके दुकान पर लोग साउथ इंडियन फॉर्मूले पर इडली और डोसा खाने के लिए आते हैैं। वे बताती हैैं कि जो भी साउथ इंडियन डिसेज बनाती हैैं। उसमें लगने वाले रवा चावल और सूजी तक आंध्र प्रदेश से ही मंगाते हैैं।

डायबिटिक पेशेंट्स केलिए तैयार किया आटा

डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में होम साइंस डिपार्टमेंट की रिसर्च स्कॉलर शिवांगी मिश्रा ने मोटे अनाज को पर्सनलाइज करके एक ऐसा आटा बनाया है, जो डायबिटिक पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है। यह उनकी डायबिटिक वैल्यू को नॉर्मलाइज करता है। उन्होंने 2020 में 'ब्लू डाइटÓ के नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की। इसे वे घर पे बनाती हैं और फिर ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से बेचती हैं। उन्होंने बताया कि कुछ पेशेंट्स इसे रेग्युलर यूज कर रहे हैं जिससे उनके हेल्थ में काफी सुधार देखने को मिला है। अभी इसपर रिसर्च चल रही है और इसे फोर्टिफिकेशन पर काम हो रहा है। धीरे-धीरे इसकी डिमांड भी बढ़ रही है।

यहां कर सकते हैैं ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन -

www.eimsme.upsdc.gov.in

फैक्ट फीगर .

2022-23 का टारगेट - 400

- रेडीमेड गारमेंट के लिए ट्रेनिंग - 300

- टेराकोटा के लिए ट्रेनिंग - 100

2023-24 का टारगेट - 450

- रेडीमेड गारमेंट के लिए ट्रेनिंग - 300

- टेराकोट के लिए ट्रेनिंग - 150

(नोट: अप्लाई किए जाने का प्रोसेज जारी है.)

रेडीमेड गारमेंट के लिए कराई जाने वाली ट्रेनिंग में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इंट्रेस्टेड हैैं। यही वजह है कि हमारे पिछले साल का टारगेट पूरा हो गया। इस वर्ष के टारगेट भी डिसाइड हैैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू है।

गौरव मिश्रा, डिप्टी कमिश्नर, उद्योग