गोरखपुर (ब्यूरो)।किसी वस्तु जैसे- दूध, पनीर, खोया, सब्जी, नमकीन, बिस्कुट, राशन, कपड़े, इलेक्ट्रानिक सामान आदि जैसे सामानों की खरीदारी में डिफेक्ट आने पर या फिर ओवर चार्जिंग को लेकर शिकायत दर्ज कराना होगी। यह बातें मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के वेबिनार में सामने आर्ईं।

बिना वकील के दाखिल कर सकते हैं वाद

पैनलिस्ट और एक्सपट्र्स ने माना कि दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की 'कंज्यूमर को मिलें राइट्सÓ जैसी न्यूज सीरीज से उपभोक्ता अवेयर होते हैं। अपने निजी जीवन में उपभोग की जाने वाली वस्तुओं के खरीदारी और उसके उपभोग में किसी प्रकार की दिक्कत आने पर कंज्यूमर फोरम के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैैं। साथ ही कंज्यूमर फोरम में मैनुअली एक सादे पेज पर मामले की डिटेल्स देकर बिना किसी वकील के भी वाद दाखिल कर सकते हैैं।

इन प्वाइंट्स का रखना होगा ख्याल

- कंज्यूमर को खरीदारी के दौरान मैनुफैक्चरिंग, एक्सपायरी और क्वालिटी के साथ-साथ क्वांटिटी देखना चाहिए।

- किसी भी वस्तु के खराब होने पर उसकी शिकायत दर्ज कराना जरूरी।

- शिकायत करने से पहले सारे डाक्यूमेंट्स जरूर अपने पास रखें।

- छोटे अमाउंट की वसूली पर शिकायत दर्ज कराएं।

- मॉल, रेस्टोरेंट, रेलवे, बैैंक, इंश्योरेंस कंपनी आदि जैसे संस्थाओं द्वारा किए गए वादे पर खरे न उतरने वालों पर भी शिकायत दर्ज कराएं।

इन नंबर्स पर कर सकते हैैं शिकायत दर्ज

- उपभोक्ता से जुड़े मामलों की शिकायत का समाधान करने के लिए भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर की वेबसाइट \https://consumerhelpline.gov.in/ पर कंप्लेंट कर सकते हैैं।

- यहां पर ऑनलाइन या फिर मैनुअली भी शिकायत दर्ज करा सकते हैैं।

- पोर्टल के अलावा शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1914 या फिर एसएमएस, उमंग एप आदि पर भी सुविधा उपलब्ध है।

पैनलिस्ट ने शेयर की अपनी राय

भले ही हम छोटा ही सामान क्यों न खरीदें, लेकिन जब तक बड़ा नुकसान नहीं होता तब लोग शिकायत करने नहीं पहुंचते हैैं। जबकि नुकसान तो नुकसान है। इसलिए हमें जागरूक होना होगा। इसके लिए हमें कंप्लेन कर अपने अधिकार को बताना होगा।

दीपिका सेठ, प्रवक्ता, बुद्धा डिग्री कॉलेज

कंज्यूमर्स को अवेयर होना होगा। खास तौर पर खाद्य वस्तुओं और जरूरतमंद सामान को लेकर, किसी भी प्रोडक्ट की खरीदारी करते वक्त बिल लेना होगा। क्योंकि आज भी कोल्डड्रिंक पर ओवर चार्जिंग धड़ल्ले से शुरु हो चुकी है। जबकि यह गलत है। कंज्यूमर फोरम में जल्दी न्याय नहीं मिलता है। लेकिन मीडिएशन सेल में पहुंचकर न्याय पाया जा सकता है।

डॉ। रमा रमन पांडेय, प्रवक्ता, बुद्धा डिग्री कॉलेज

कंज्यूमर डे पर ही हमें जागरूक होने की जरुरत नहीं है। बल्कि हमेशा अपने उपभोग के वस्तुओं को लेकर जागरुक रहने की जरुरत है। किसी भी वस्तु के खरीदारी से पहले उसके क्वालिटी, क्वांटिटी और प्राइस को जरुर देखना चाहिए। कई बार हम नहीं देखते हैैं, और ठगी के शिकार हो जाते हैैं। मेरे साथ भी कई बार हुआ है, लेकिन हमें जागरुक होना होगा।

डॉ। विवेक पाठक, प्रवक्ता, इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स

यदि हम किसी भी उपभोग की वस्तु की खरीदारी कर रहे हैैं तो उसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखना होगा। वहीं बैैंक से लोन लेते वक्त भी हमें डाक्यूमेंट्स पर सिग्नेचर के दौरान सभी दस्तावेज की जीरॉक्स कापी रखना चाहिए। किसी भी सामान की खरीदारी करते समय उसकी एक्सपायरी, मैनुफैक्चरिंग आदि को देखने के बाद ही खरीदारी करें। किसी प्रकार की कोई भी सहायता की जरुरत हो तो कंज्यूमर फोरम में कानूनी सलाह ले सकते हैैं।

जेवी कुशवाहा, एडवोकेट, कंज्यूमर फोरम

मुझे आज भी याद है, जब लोग गैस के कनेक्शन के लिए मनमानी रकम चुकाने के लिए मजबूर हुआ करते थे। मेरे साथ कई अन्य लोगों के साथ भी यह समस्या आई, तो हमने इस तरह के वसूली के खिलाफ जाकर कंज्यूमर फोरम में कंप्लेन दर्ज कराई। फिर क्या था, गैस एजेंसी के मालिक तक समझौता करने पर उतारू हो गए, लेकिन हमने भी कदम पीछे नहीं हटाया। कहने का मकसद यह है कि जब तक कंज्यूमर अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं होगा और ऐसे लोगों को सबक नहीं सिखाएगा, तब तक समाज में इस तरह की मनमानी चलती रहेगी।

नीतिन जायसवाल, सोशल वर्कर

ज्यादातर खाद्य पदार्थों में मिलावट हो रही है, लेकिन कोई भी इसके अगेंस्ट आवाज नहीं उठाता है। क्योंकि कानूनी प्रक्रिया ही इतनी कठिन होती है कि न्याय मिलने में काफी वक्त लग जाएगा। यही सोचकर लोग शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैैं। जबकि इस तरह के शिकायतों को हमें इग्नोर नहीं करना होगा। वहीं उपभोक्ता फोरम व उपभोक्ता के बीच होने वाले शिकायत व उसके निस्तारण के अवधि को भी कम करना होगा। जागरुकता बहुत जरूरी है।

आरती प्रियदर्शनी, लेखिका

देखिए, चाय हो या फिर कोल्ड ड्रिंक की सेलिंग, जब भी खरीदारी करने जाओ, उसकी कोई प्राइस डिसाइड नहीं रहती है। सब अपने-अपने तरीके से मनमानी करते हैैं। कोल्ड ड्रिंक पर इन दिनों फिर से ओवरचार्जिंग शुरू हो गई है। जबकि यह गलत है। एक बार तो ऑनलाइन कंपनी से मैने काजू ऑर्डर किया, लेकिन काजू आया नहीं और ना ही पैसा वापस हुआ। मेरे साथ फ्रॉड हुआ। इसलिए सजगता जरूरी है। ऑनलाइन पेमेंट से पहले क्वैरी करना जरुरी है।

शाहिद रजा, कॉम्पटीटर

लोगों मेें जागरुकता की कमी है। यही वजह है कि गुणवत्ता युक्त सामान की खरीदारी के बजाय मिलावटी सामान पर लोग ज्यादा जोर देते हैैं। जबकि आप किसी भी वस्तु की खरीदारी करें उसकी रसीद जरूर लें। ताकि हम इसकी शिकायत प्रॉपर कर सकें। कंज्यूमर फोरम में न्याय भले ही देर से मिलता है। लेकिन शिकायत के बाद ही पहली नोटिस में दूसरी पार्टी सेटलमेंट करने लगती है।

डॉ। मार्कंडेय सिंह, प्रवक्ता, बुद्धा डिग्री कॉलेज

किसी भी सामान की खरीदारी हम करते हैैं, तो उसका बिल जरूर लेना चाहिए। कई बार हम बिल नहीं लेते हैैं। ऐेसे में बाद में शिकायत करते वक्त इस बात की समस्या होती है कि आखिरकार कैसे प्रूफ करेंगे कि यह सामान हमें इस दुकान से ली है, ऐेसे में हमें जागरूक होना पड़ेगा। किसी भी खराब सामान की शिकायत के लिए जो उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवाने के लिए आसान रास्ता चुनना होगा। जागरुक होना जरुरी है।

मनीषा सिंह, हाउस वाइफ

जो भी वस्तु उपभोग की हंै, उसके डिफाल्ट होने पर उसे उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया जा सकता है। यही नहीं मेडिएशन सेल में इस मामले के शिकायत पर दोनों पक्षों को बुलाकर एक बार इस तरह के मामले को शार्ट आउट भी कराए जाने का प्रयास होता है। 1986 से पहले डैमेज वस्तु के क्षतिपूर्ति के लिए लोग क्लेम करते थे, लेकिन 1986 में जब उपभोक्ता अधिनियम आया, उसके बाद से लोगों में जागरुकता आई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इसलिए कंज्यूमर को अवेयर होना होगा। किसी भी प्रकार के मामले हो, इसके कानूनी सलाह के लिए हम तैयार हैैं।

अश्वनी श्रीवास्वत, एडवोकेट, हाईकोर्ट

किसी भी वस्तु की खरीदारी कर रहे हों, उसका बिल जरूर लेना चाहिए। हम पहले जागरूक बनेंगे, तभी सामने वाला भी गलत करने से बचेगा। इसलिए हमें अपने अधिकार के प्रति जागरुकता लानी होगी। कंज्यूमर डे के मौके पर ही हमें सिर्फ जागरुक नहीं होना चाहिए। बल्कि हमेशा ही खरीदारी के वक्त मैनुफैक्चरिंग, एक्सपायरी और उसके क्वालिटी पर ध्यान देना होगा। किसी प्रकार के डिफेक्ट आने पर उसके हेल्प लाइन या फिर कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

पुर्णेंदु शुक्ला, कॅरियर काउंसलर

फैक्ट फाइल

1986 से लेकर अब तक 17,996 शिकायतें दर्ज हुईं, 14,487 वाद में डिसीजन

852 मामले जनवरी 2022 से फरवरी 2023 तक के बीच आए।

682 वाद के जजमेंट इस अवधि में सुनाए गए। 170 मामलों का निस्तारण होना बाकी हैैं।

कंज्यूमर्स को मिले ये अधिकार

सुरक्षा का अधिकार

संसूचित किए जाने का अधिकार

चयन का अधिकार

सुनवाई का अधिकार

प्रतितोष पाने का अधिकार

उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार