गोरखपुर (ब्यूरो)।वहीं, जीआरपी ने मामले की छानबीन की। फांसी की क्या वजह रही और युवक कब चढ़ा? इन सभी पहलुओं पर जीआरपी ने जांच शुरू कर दी है। वहीं, सुसाइड की घटना के बाद ट्रेन तीन घंटे तक प्लेटफार्म पर खड़ी रही और यात्रियों के बीच दशहत का माहौल बना रहा। रेलवे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब ट्रेन में किसी युवक ने सुसाइड किया है। जबकि इससे पहले मुंबई से आ रही ट्रेन के टॉयलेट में डेडबॉडी पाई गई थी।

गमछे में लगाई फांसी

बता दें, गोरखपुर से सिवान होते हुए नरकटियागंज जाने वाली 05142 पैसेंजर डेली रूटीन की ट्रेन हैैं। वह शाम को 6.35 बजे अपने निर्धारित समय पर गंतव्य के लिए रवाना होती है। लोग शहर से काम निपटाकर डेली इस ट्रेन में सफर करते हैैं। ट्रेन में प्लेटफार्म नंबर 2 ए पर खड़ी रहती है। आरपीएफ की मानें तो सोमवार शाम महिला बोगी में 40 वर्षीय एक युवक चढ़ा और उसने बोगी के पंखे के पास लगे एक रॉड में गमछे से फांसी लगा ली। यात्रियों ने फांसी की सूचना आरपीएफ को दी। मौके पर आरपीएफ और जीआरपी की टीम पहुंच गई, लेकिन महिला बोगी में कोई भी महिला यात्री नहीं बैठी हुई थी। बोगी पूरी तरह से खाली रही।

नहीं था कोई परिजन

जीआरपी दरोगा सुनील कुमार मौर्य ने बताया कि युवक गमछे से लटका हुआ पाया गया। उसके शव को कब्जे में लेकर सुसाइड की क्या वजह रही, इस बात की जानकारी ली जा रही है। मृतक के साथ कोई परिजन नहीं था और ना ही उसके पास से कोई लगेज मिला है, जिससे उसकी पहचान नहीं हो सकी। फिर भी सुसाइड की वजह को तलाशने के लिए परिजनों की तलाश जारी है।

दशहत में दिखे यात्री

प्लेटफार्म नंबर दो पर यात्रियों के बीच दशहत का माहौल रहा। ट्रेन लेट होने से जहां यात्री डेडबॉडी निकाले जाने को लेकर तमाशबीन बने रहे। वहीं, जीआरपी को डेडबॉडी उतारने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। डेडबॉडी उतारने के लिए कोई जल्दी तैयार नहीं हो रहा था। बाद में बॉडी को प्रॉपर पैक करके उसे उतारा गया।

05142 पैसेंजर ट्रेन के महिला बोगी में एक युवक ने फांसी लगा ली। उसके शव को कब्जे में लेकर जीआरपी ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फांसी की क्या वजह रही, इस मामले की छानबीन की जा रही है।

दशरथ प्रसाद, इंस्पेक्टर, आरपीएफ गोरखपुर पोस्ट

सवालों में आरपीएफ व जीआरपी की सुरक्षा व्यस्था

ट्रेन की बोगी में एक युवक द्वारा सुसाइड किए जाने को लेकर एक तरफ जहां स्टेशन परिसर में सनसनी मच गई। वहीं आरपीएफ व जीआरपी के सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे। आखिरकार वह बोगी में कैसे चढ़ गया और उसके पास कोई टिकट नहीं मिला, महिला बोगी में युवक के चढऩे और फांसी लगा लेने को लेकर रेलवे के जिम्मेदार सीनियर कमांडेंट चंद्र मोहन मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैैं।