गोरखपुर (ब्यूरो)। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सोशल मीडिया पर सीएम को धमकी देने, उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और गल्र्स को ब्लैकमेलिंग जैसे मामले साइबर सेल तक पहुंचे हैं। जिसमें कुछ ही घंटों में गलत कृत्य में लिप्त अभियुक्त को अरेस्ट कर पुलिस ने उस पर शिकंजा कस दिया।

100 से अधिक अकाउंट कराए बंद

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी, ब्लैक मेेलिंग और फ्रॉड के अधिकतर मामलों में पकड़े अभियुक्त नाबालिग और 18 से 25 साल एज ग्रुप के हैं। जो सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते हैं। उन्हें लगता है कि फेक अकाउंट के जरिए सोशल मीडिया पर गलत कृत्य करके निकल जाएंगे, उन्हें कोई पकड़ भी नहीं पाएगा। साल 2023 में आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले 100 से अधिक अकाउंट के खिलाफ रिपोर्ट कर साइबर सेल ने बंद भी कराया है।

स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स इनवॉल्व

एआई टेक्निक आने के बाद स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स उसका गलत यूज कर रहे हैं। स्टूडेंट क्लास रूम में किसी साथी या टीचर्स, प्रिंसिपल से नाराजगी का बदला सोशल मीडिया पर उन्हें बदनाम करके ले रहे हैं। यही नहीं कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमे धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले पोस्ट शेयर करने में 9, 10 और 11वीं के स्टूडेंट्स का इनवॉल्वमेंट मिला है।

साइबर सेल ने की कार्रवाई

2024 जनवरी: तीन जनवरी को एक्स पर सीएम को हत्या की धमकी दी गई, जिसमें साइबर सेल की मदद से देवरिया पुलिस ने भदोही जिले के आरोपित अजीत यादव को मुंबई से अरेस्ट किया। अजीत महाराष्ट्र के थाणे जिले में स्नातक की पढ़ाई कर रहा था।

2023 दिसंबर: गोरखपुर: एआई सॉफ्टवेयर का यूज कर शिक्षिका की न्यूड फोटो एक नाबालिग छात्र ने इंस्टग्राम आईडी पर वायरल कर दी। साइबर सेल की मदद से शाहपुर पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लिया। उसपर आईटी एक्ट को केस लगाया गया। उसके इंस्टाग्राम अकाउंट को भी बंद कराया गया।

2022 सितंबर: फर्जी ई मेल आईडी बनाकर एमएमएमयूटी के प्रोफेसर को बदनाम करने की नीयत से आपत्तिजनक मेल करने वाले अभियुक्त को ट्रेस कर साइबर सेल की मदद से कैंट पुलिस ने हिरासत में लिया। अभियुक्त पर धारा 66 आईटी एक्ट लगाया गया।

2022 जून: एक्स पर भीम आर्मी के नेता ने सीएम को बम से उड़ाने की धमकी दी। फिरोजाबाद सिरसागंज के सोनू ने एक्स पर लेडी डॉन नाम से अकाउंट बनाकर धमकी भरा मैसेज भेजा था, जिसके बाद गोरखपुर पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया।

क्या है आईटी एक्ट

आईटी एक्ट में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। सेक्शन 66 ई के तहत प्राइवेट क्षेत्रों की फोटो लेना, किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उन्हें पब्लिश करना या फैलाना इस धारा के तहत एक दंडनीय अपराध है।

साइबर सेल की टीम करती है निगरानी

साइबर सेल के प्रभारी संदीप सिंह, एक्सपर्ट शशि शंकर राय और शशिकांत जायसवाल का सोशल मीडिया से जुड़े अपराध के खुलासे में अहम रोल होता है। इनकी टीम सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट गलत जानकारी शेयर करने वालों पर नजर भी जमाए रहती है। सोशल मीडिया की हर एक्टिविटी पर इनकी नजर होती है।

ब्लैकमेलिंग से बचने के लिए सावधानी

। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अंजान व्यक्ति को दोस्त न बनाएं।

। सोशल मीडिया दोस्तों से फोटो का आदान प्रदान कतई ना करें।

। अपनी प्रोफाइल हमेशा लॉक रखें।

। अपने अकाउंट में हमेशा जानने वालों को ही जोड़े।

। वाट्सएप प्रोफाइल पिक्चर भी लगाने से परहेज करें।

। अंजान व्यक्ति से वीडियो कॉल के जरिए बात न करें।