- रमजान हेल्प लाइन

उलेमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्प लाइन नम्बर पर सवालों जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज, रोजा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल पूछे। उलेमा-ए-किराम ने कुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक की रोशनी में जवाब दिया।

सवाल : इंश्योरेंस पॉलिसी में जमा रकम पर जकात है या नहीं? (सैयद मेहताब, खूनीपुर)

जवाब : हां, इंश्योरेंस पॉलिसी में जमा रकम पर भी जकात लाजिम होगी। (मुफ्ती मो। अजहर शम्सी)

सवाल : जो शख्स रोजा न रखे क्या उस पर भी सदका-ए-फित्र वाजिब है? (फराज, तिवारीपुर)

जवाब : हां, जो शख्स रोजा न रखे उस पर भी सदका-ए-फित्र वाजिब है। (कारी मो। अनस रजवी)

सवाल : मोजे पहनने से जो टखने छुप जाते हैं इससे नमाज में कोई हर्ज आता है या नहीं? (अय्यूब, गोरखनाथ)

जवाब : नहीं, नमाज में इससे अस्लन कोई हर्ज या कराहत नहीं। (हाफिज रहमत अली)

सवाल : गुस्लखाने में कोई दुआ या कलमा पढ़ना कैसा? (तारिक, मियां बाजार)

जवाब : गुस्लखाने में कोई दुआ या कलमा नहीं पढ़ना चाहिए। (मौलाना अब्दुल खालिक निजामी)