- न मशीन न कंप्यूटर, इसके बाद भी फर्म के नाम पर रोजाना कट रही थी लाखों की टैक्स इनवाइस

-पैकिंग मैटीरियल की 6.9 करोड़ की इनवर्ड सप्लाई दिखाते हुए 1.9 करोड़ का आईटीसी क्लेम लिया

KANPUR : फर्जी कंपनियां बनाकर शातिर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। शहर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। शातिर ठग ने गांव की संकरी गली में किराए में छोटा सा कमरा लेकर करोड़ों की बोगस कंपनी खड़ी कर दी। इसके बाद सरकार को 1.9 करोड़ रुपये का चूना भी लगा दिया। जांच के दौरान खुलासा होने पर डिप्टी कमिश्नर जीएसटी ने बिल्हौर थाने में धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जीएसटी विभाग के अफसरों और पुलिस ने शातिर की तलाश शुरू कर दी है।

फर्जी कागजात से रजिस्ट्रेशन

जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर चंद्रशेखर ने बताया कि बिल्हौर नासिरापुरा के एक गांव में संडीला हरदोई निवासी सुदामा बाजपेयी के नाम से फर्जी कागजात लगाकर एसवी इंटरप्राइजेज नाम से फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया। जांच के दौरान सामने आया कि यहां पर एक भी मशीन और कंप्यूटर तक नहीं लगा है। किसी तरह के माल की तो बात ही छोड़ दीजिए। जिस गली में कंपनी को दिखाया है उसमें कोई कॉमर्शियल वाहन प्रवेश भी नहीं कर सकता है। इसके बाद भी फर्म के नाम पर रोजाना लाखों की टैक्स इनवाइस कट रही थी।

सर्वे में सामने आया फर्जीवाड़ा

मामले की जांच में सामने आया कि फर्म से ई-वे बिल के जरिए पैकिंग मैटीरियल की 6.9 करोड़ की इनवर्ड सप्लाई को दिखाते हुए 1.9 करोड़ के आईटीसी का दावा किया। व्यापारी ने जीएसटीएन पोर्टल के ई-वे बिल के आधार पर 1.9 करोड़ आईटीसी का झूठा दावा करके सरकार से रकम भी हड़प ली। आईटीसी झूठा दावा करने पर स्टेट जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी एक्ट की धारा 2- सी का उल्लंघन किया गया। सर्वे में सच्चाई सामने आने के बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज कराकर जांच शुरू कर दी गई है।

लचर व्यवस्था का फायदा

जीएसटी विभाग भले ही दावा कर रहा है कि धोखाधड़ी करने वाले शातिर से 1.9 करोड़ रुपए की वसूली होगी। लेकिन, फर्म रजिस्ट्रेशन की लचर व्यवस्था होने के चलते ऑनलाइन आवेदन पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन हो गया। कागजों की पड़ताल नहीं की गई। बाद में जांच में सभी कागज फर्जी निकले, अब कंपनी मालिक का कोई सुराग नहीं मिल रहा है।

बिल्हौर थाने में धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। धोखाधड़ी करने वाले शातिर से 1.9 करोड़ रुपए की वसूली होगी।

चंद्रशेखर, डिप्टी कमिश्नर, स्टेट जीएसटी