- सीओडी पुल का निर्माण पूरा, थर्सडे को पुल की दोनों लेन ट्रैफिक के लिए खोल दी जाएंगी, कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी करेंगे वर्चुअल इनॉगे्रेशन

- 2007 में आरओबी का शिलान्यास तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने किया था, कई कंपनियां काम छोड़कर बीच में भागीं

KANPUR। कानपुराइट्स का वर्षो पुराना सीओडी पुल शुरू होने का सपना आखिकार हकीकत में बदलने जा रहा है। सीओडी पुल की दोनों लेन को थर्सडे से कानपुराइट्स के लिए खोल दिया जाएगा। आरओबी का वर्चुअल इनॉग्रेशन सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी 26 नवंबर को करेंगे। प्रोग्राम में सांसद सत्यदेव पचौरी समेत सिटी के प्रशासनिक आफिसर्स भी सम्मिलित हो सकते हैं।

2018 में एक लेन शुरू

सीओडी रेलवे क्रासिंग पर आरओबी निर्माण का काम 13 वर्ष पूर्व 2007 में शुरू हुआ था। जिसका शिलान्यास तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने किया था। निर्माण कार्य करने वाली कंपनी 6 साल में पुल का नाम मात्र ही हिस्सा बना पाई। जिसके चलते 2013 में कंपनी को बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद पुल निर्माण के लिए नई कंपनी ने टेंडर लिया और छोड़ दिया। वर्ष 2014 में एसएच इंफ्राटेक ने इसका निर्माण कार्य शुरू किया। जिसके 3 साल बाद इस कंपनी पर भी लेटलतीफी करने पर 3.84 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। पांच फरवरी 2018 को इसकी एक लेन शुरू की गई।

जाम से मुक्ति, समय भी बचेगा

पुल बन जाने से लाखों कानपुराइट्स की लाइफ आसान हो जाएगी। टाटमिल से रामादेवी जाने वाले ट्रैफिक को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं लोगो का समय ओर पेट्रोल भी बचेगा। रोडवेज की बसें भी अब इस आधिकारिक रूप से यहां से गुजरने लगेंगी। जिससे लखनऊ और इलाहाबाद रूट का किराया भी कम हो सकता है। क्योंकि अब भी बसो को किदवई नगर से होते हुए यशोदानगर बाईपास से होकर जाती थीं। पुल के वर्चुअल इनॉग्रेशन की जानकारी सांसद सत्यदेव पचौरी ने ट्वीट कर कानपुराइट्स को दी।

आंकड़े

13 साल बाद सीओडी आरओबी की राह होगी आसान

2007 में आरओबी का शिलान्यास हुआ था

2013 में पहली कंपनी का टेंडर बर्खास्त किया गया

2014 में दूसरे कंपनी को टेंडर किया गया

2017 में दूसरी कंपनी पर भी लापरवाही करने पर जुर्माना लगाया गया

2018 में आरओबी की एक लेन को शुरू किया गया

2019 दिसंबर में पब्लिक ने आधी अधूरी दूसरी लेन भी शुरू कर दी।

26 नवंबर को 2020 को वर्चुअल इनॉग्रेशन किया जाएगा।