-बढ़ेगी एनआईसीयू की क्षमता, क्रिटिकल बच्चों को बाल रोग अस्पताल नहीं करना पड़ेगा रेफर

-निर्माण को लेकर शासन की ओर से नामित की गई संस्था, बजट भी जारी किया गया

KANPUR: डफरिन हॉस्पिटल में पैदा होने वाले क्रिटिकल बच्चों को अब बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के बालरोग अस्पताल में रेफर करने की जरूरत कम पड़ेगी। जल्द ही डफरिन हॉस्पिटल में ही 20 बेड का एनआईसीयू बनाने की तैयारी हो गई है। 20 बेड की इस नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट के निर्माण को लेकर शासन ने संस्था को नामित कर दिया है। साथ ही बजट भी जारी कर दिया है। नया एनआईसीयू डफरिन की पुरानी ओपीडी के पास ग्राउंड फ्लोर पर ही बनेगा। इसी के साथ डफरिन हॉस्पिटल के फ‌र्स्ट फ्लोर पर स्थित ओटी के पास गंभीर हालत में आने वाली महिलाओं के लिए हाई डिपेंडेंसी यूनिट को भी तैयार किया जाएगा।

स्टाफ भर्ती का प्रॉसेस भी

डफरिन हॉस्पिटल के एसआईसी डॉ। वीबी सिंह ने बताया कि एनआईसीयू का निर्माण शासन की मदद से किया जाएगा। जबकि एचडीयू को एनएचएम की मदद से बनाया जाएगा। जल्द ही इन दोनों के लिए स्टॉफ की भर्ती का प्रॉसेस भी शुरू हो जाएगा। साथ ही डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने के लिए शासन को लेटर लिखा है। अभी अस्पताल में 13 ही डॉक्टर्स हैं जबकि स्वीकृत पद 22 हैं।

कोरोना के चलते काम में देरी

अभी शहर में बालरोग अस्पताल के एनआईसीयू में बच्चों के लिए वेंटीलेटर्स की फैसेलिटी है। वहीं डफरिन में बनने वाले एनआईसीयू में भी वेंटीलेटर्स आएंगे। डॉ.वीबी सिंह के मुताबिक यह काम काफी पहले ही हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते काम में देरी हुई। इन दोनों यूनिटों के तैयार होने से मेडिकल कॉलेज के अपर इंडिया मेटर्निटी हॉस्पिटल और बालरोग अस्पताल पर बोझ कम होगा। क्योंकि डफरिन में ही क्रिटिकल महिलाओं और बच्चों का इलाज किया जा सकेगा।

''एनआईसीयू का निर्माण शासन की मदद से किया जाएगा। जबकि एचडीयू को एनएचएम की मदद से बनाया जाएगा.''

डॉ। वीबी सिंह, एसआईसी, डफरिन हॉस्पिटल