कानपुर (ब्यूरो) कानपुर देहात के शिवली के साकेत धाम मंदिर पर प्रति वर्ष की भांति 210 वीं रामलीला का मंचन रविवार की देर रात हो रहा था। इस दौरान देर रात लगभग 12:00 से 1:00 के बीच मैथा एसडीएम महेंद्र कुमार पहुंचे और लीला बंद करवा दी। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने जब कारण पूछा तो एसडीएम में अनुमति न होने की बात कही। लोगों ने धार्मिक कार्यक्रम का हवाला देते हुए रामलीला को चालू रखने की बात कही लेकिन एसडीएम ने महंत व क्षेत्रीय लोगों की बात को अनसुनी कर दिया और लगातार अनुमति न होने की बात कहते रहे। जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश भड़क गया। क्षेत्रीय लोगों की नाराजगी को बढ़ता देख एसडीएम मौके से चले गए। एसडीएम की जिद को देखते हुए महंत अन्न जल त्याग धरने पर बैठ गए हैं।

दस्तखत न करने का लगाए आरोप

रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने एसडीएम महेंद्र कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा 10 दिन पहले ही अनुमति की मांग की गई थी। सभी जगह से आख्या लगकर एसडीएम कार्यालय में पहुंच भी गई थी। सभी विभागों की आख्या होने के बावजूद भी एसडीएम ने अनुमति पत्र पर दस्तखत ही नहीं किए।

जो कभी नहीं हुआ वह कर दिया

रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने बताया कि 210 साल से रामलीला हो रही है। इस स्थान को लीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है। यहां की रामलीला ने पूरे प्रदेश ही नहीं पूरे देश में ख्याति प्राप्त की है। दूसरे राज्यों तक रामलीला मंचन को पहुंचाया और शुुरू भी कराया है। उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई और न ही किसी ने रामलीला को रुकवाया है। पहली बार रामलीला का मंचन रुकवाया गया है। इसलिए हम सभी की मांग है कि इस कृत्य को करने वाले एसडीएम पर कार्रवाई होनी चाहिए।