कानपुर (ब्यूरो)। सेंट्रल जीएसएटी और राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने एक साथ मिलकर फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। सिटी में करीब चार सौ रजिस्ट्रेशन संदिग्ध की श्रेणी में हैं। इनके जरिए फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर आईटीसी क्लेम के जरिए करोड़ों का खेल किया जा रहा है। सिटी में पहले भी जांच में बहुत सारे ऐसे मामले मिले हैं जिनमें मौके पर कोई फर्म या कंपनी नहीं मिली। ऐसे एक दर्जन से ज्यादा मामलों में राज्य कर विभाग के अधिकारी रिपोर्ट भी दर्ज करा चुके हैं।
जीएसटी में फर्जी रजिस्ट्रेशन के लिए दूसरे के आधार, पैन का इस्तेमाल कर लिया जाता है। कुछ तो सादे कागज तक लगा देते हैं। ये लोग सिर्फ फर्जी बिल जारी कर, बिना खरीद बिक्री के आईटीसी का क्लेम कर लेते हैं। इसके अलावा कई बार खरीद पर आईटीसी लेने के बाद माल को दो नंबर में बेच देते हैं। ऐसे ही संदिग्ध पंजीयन को जीएसटीएन ने चिह्नित कर हर राज्य को दिया है। राज्य कर विभाग कानपुर के अपर आयुक्त ग्र्रेड-प्रथम जीएस बौनाल ने बताया कि दूसरों के आधार व पैन कार्ड लगाकर फर्जी पंजीयन लेने वालों की जांच की जा रही है। ये वे फर्जी पंजीयन हैं जिनकी जानकारी जीएसटीएन के जरिए दी गई है।