-31 दिसंबर से प्रवेश प्रक्रिया खत्म होने के बाद कॉलेजों की बढ़ी ¨चता

- सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड कॉलेजों में फंस रहा टीचर्स की सैलरी

KANPUR: कोरोना काल के एजूकेशन पर साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। एलएलबी की पांच हजार सीटें इस बार खाली रह गई हैं। 31 दिसंबर से प्रवेश प्रक्रिया भी बंद हो गई है इससे कॉलेजों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, इसकी वजह से टीचर्स की सैलरी भी फंस सकती है। सीएसजेएमयू जुड़े लॉ कॉलेजों में तीन वर्षीय एलएलबी और पांच वर्षीय बीए एलएलबी में 50 परसेंट सीटें खाली हैं। यूनिवर्सिटी से करीब 70 लॉ कॉलेज संबद्ध हैं। जिनमें लगभग 10 हजार सीटें हैं।

नहीं मिल पाया पर्याप्त समय

कॉलेजों में प्रवेश का सिलसिला इस वर्ष देर से शुरू हुआ। एलएलबी में दाखिले के लिए छात्रों को और भी कम समय मिला। बार काउंसिल ऑफ इंडिया से सभी कॉलेजों को मान्यता मिलने के बाद ही प्रवेश प्रारंभ किए गए। ऐसे में एडेड कॉलेज भी स्टूडेंट्स का वेट करते रहे। सेल्फ फाइनेंस लॉ कॉलेजों की हालत तो और भी खराब रही। कई कॉलेजों में 10 से 20 फीसद सीटें ही भर सकीं। पहले ही कोरोना के कारण कॉलेज भारी नुकसान से जूझ रहे हैं उस पर सीटें न भरने से शिक्षकों का वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है।

प्रवेश के लिए होती थी मारामारी

यूपी लॉ कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण एलएलबी की सीटें नहीं भर पाई हैं। प्रवेश का समय बढ़ाए जाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात की जाएगी। एलएलबी व इंटीग्रेटेड एलएलबी की सीटों पर पिछले वर्ष तक दाखिले के लिए जबरदस्त मारामारी होती थी। इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कई स्टूडेंट्स प्रवेश नहीं ले सके।

70 लॉ कॉलेज संबद्ध हैं सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से

10 हजार के लगभग सीटे हैं इन कॉलेजेस में

50 परसेंट सीटें ही इस बार भर पाई हैं कॉलेजों में

5 हजार से ज्यादा सीटें खाली रह गई

31 दिसंबर को प्रवेश प्रक्रिया भी बंद कर दी गई

यूनिवर्सिटी व संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। अब पढ़ाई शुरू हो चुकी है.कॉलेजों की तरफ से कोई दोबारा प्रवेश शुरू करने के लिए कोई मांग आती है तो उस पर विचार किया जा सकता है।

- डॉ। अनिल कुमार यादव, रजिस्ट्रार सीएसजेएमयू