कानपुर (ब्यूरो) आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन लर्निंग डीएल टेस्ट में फेल होने वालों की संख्या 50 परसेंट होने की वजह से कार्यालय से मुख्यालय को एक प्रस्ताव भेज कर कार्यालय में टेस्ट देने की सुविधा मुहैया कराने के लिए स्लाट की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन टेस्ट में फेल होने का सबसे बड़ा कारण अप्लीकेंट मोबाइल में ऑनलाइन टेस्ट देता है। जिसमें थोड़ा से आई कान्टेक्ट हटने से वह अप्लीकेशन को रिजेक्ट कर देता है। टेस्ट अगर अप्लीकेंट लैपटॉप में दे तो रिजेक्ट होने की आशंका न के बराबर होती है।

300 स्लॉट 60 आ रहे आवेदन
आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक लर्निंग डीएल की डेली 300 स्लॉट हैं। जबकि वर्तमान में डेली 60 के आसपास की आवेदन हो रहे हंै। इसमें भी फेल होने वालों की संख्या 50 परसेंट के आसपास है। यानी डेली 30 से 35 अप्लीकेंट के ही लर्निंग डीएल बन पा रहे है। जबकि लर्निंग डीएल ऑनलाइन होने से पहले डेली 300 आवेदन होते थे।

स्लॉट बढ़े तो अप्लीकेंट्स को मिले राहत
आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक मैनुअल टेस्ट की स्लॉट बढऩे के बाद ही लर्निंग डीएल अप्लीकेंट की समस्या कम हो सकती है। जोकि वर्तमान में सिर्फ छह है। यह छह स्लॉट सिर्फ वीआईपी के लिए है। जो ऑनलाइन आवेदन कर कार्यालय में मैनुअल टेस्ट देने का ऑप्शन ले सकता है। वीआईपी स्लॉट की तरह नार्मल स्टॉल की एक संख्या सीनियर आफिसर की तरफ से निर्धारित कर दिया जाए। जिससे ऑनलाइन लर्निंग डीएल टेस्ट की सुविधा अप्लीकेंट के पास न होने पर वह कार्यालय में आकर टेस्ट दे सकता है।

आंकड़े
- 300 से अधिक डेली स्लॉट लर्निंग डीएल की
- 60 के लगभग अप्लीकेशन डेली आ रहे वर्तमान में
- 50 परसेंट अप्लीकेंट ऑनलाइन टेस्ट में फेल हो रहे
- 6 मैनुअल वीआईपी स्लॉट है
- 60 स्लॉट मैनुअल टेस्ट की करने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया
- 2 से 3 माह की वेटिंग पहले लर्निंग डीएल के लिए मिलती थी

लर्निंग डीएल बनवाने में जो भी समस्या अप्लीकेंट के सामने आ रही है। उनका समाधान किया जा रहा है। जल्द ही इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा। सीनियर आफिसर्स को प्रस्ताव भेजा गया है।
राजेश सिंह, आरटीओ, प्रशासन