कानपुर(ब्यूरो)। बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था पुलिस और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को और भी मुश्किल बना रहे हैं शहर में दौड़ रहे हजारों ई रिक्शा। क्योंकि 75 परसेंट ई रिक्शा चालकों के पास डीएल नहीं हैं। शहर में 24 हजार से अधिक ई रिक्शा रजिस्टर्ड हैं जबकि डीएल सिर्फ 6 हजार के पास ही है। ये तो सिर्फ रजिस्टर्ड ई रिक्शों का हाल है। हजारों की तादाद में बिना रजिस्ट्रेशन भी रिक्शे दौड़ रहे हैं। उनकी तो इसमें गिनती ही नही हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को ध्वस्त करने के साथ ही आए दिन ये ई रिक्शा हादसों की वजह बनते हैं। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

तैयार की जा रही लिस्ट
आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक सिटी में 24 हजार से अधिक ई-रिक्शा रजिस्टर्ड है। जब कि आरटीओ से सिर्फ 6 हजार की ई-रिक्शों के डीएल जारी किए गए है। वहीं कुछ ई-रिक्शा चालकों ने तो ई-रिक्शा के लर्निंग डीएल के लिए आवेदन किया है लेकिन परमानेंट डीएल बनवाया ही नहीं। ऐसे लोगों की संख्या भी हजारों में है। आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन के आधार पर लिस्ट तैयार की जा रही है। इसके अलावा औचक चेकिंग अभियान चलाकर बिना डीएल के ई-रिक्शा चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नहीं है ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक ई-रिक्शा कॉमर्शियल व्हीकल की श्रेणी में आता है। लिहाजा इसको चलाने के लिए ई-रिक्शे का डीएल ही मान्य होता है। ई-रिक्शा चलाने वाले ड्राइवर को आरटीओ में एक निर्धारित फीस जमा कर ई-रिक्शे के डीएल के लिए आवेदन करना होता है। लर्निंग डीएल बनवाने के बाद परमानेंट डीएल के लिए चालक को आरआई के सामने मैनुअल टेस्ट देना होता है। इसका मुख्य कारण कानपुर में ई-रिक्शा का ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक न होना है।

नाबालिगों के हाथ स्टेयरिंग
सिटी में बड़ी संख्या में नाबालिग ई-रिक्शा चला रहे है। जिनको ट्रैफिक नियमों की जानकारी ही नहीं है। यहीं कारण है कि यह चौराहों व सडक़ों पर ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं। इसके अलावा एक्सीडेंट भी करते हैं। बैटरी बचाने के लिए रात को हेड लाइट भी नहीं जलाते हैं। कई बार उल्टी दिशा में भी चलते हैं। सिटी के ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस कई बार अभियान चलाती है लेकिन खानापूर्ति करके फिर से शांत बैठ जाती है।

हजारों की संख्या में अवैध ई-रिक्शें
सिटी में जहां 24 हजार रजिस्टर्ड ई-रिक्शें संचालित हो रहे है। वहीं हजारों की संख्या में अवैध ई-रिक्शा चल रहे है। जिस पर अंकुश लगा पाने में आरटीओ अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। ई-रिक्शा चालकों की अराजकता की वजह से सिटी में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसका खामियाजा हर दूसरे कानपुराइट्स को डेली भुगतना पड़ रहा है।


24 हजार से अधिक रजिस्टर्ड ई-रिक्शा कानपुर शहर में
6 हजार के लगभग ही ई-रिक्शे के डीएल जारी किए गए
20 हजार के लगभग अवैध ई-रिक्शा संचालित हो रहे
3 सालों में 10 गुना से अधिक ई-रिक्शों की संख्या हो गई
70 परसेंट से अधिक चालकों के पास ई-रिक्शा का डीएल नहीं

कोट
समय-समय पर अभियान चलाकर ई-रिक्शों पर कार्रवाई की जाती है। डीएल न मिलने पर हैवी चालान भी किया जाता है। नई स्क्रैप पालिसी के तहत स्क्रैप सेंटर खुलते ही अवैध ई-रिक्शों को पकड़ कर स्क्रैप कराने की कार्रवाई की जाएगी।
राजेश सिंह, आरटीओ, प्रशासन