- यूपीएमआरसी एमडी कुमार केशव ने किया कानपुर मेट्रो के प्रॉयरिटी सेक्शन का इंस्पेक्शन

-आईआईटी मेट्रो स्टेशन की तरह ही बनाए जाएंगे सभी स्टेशन, ट्रैक बिछाने का काम भी जल्द

- 39 ट्रेनों के आर्डर कानपुर मेट्रो के लिए दिए गए हैं

- 117 कोच इसमें होंगे, प्रॉयरिटी सेक्शन पर 8 ट्रेनें

KANPUR: आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक बन रहे मेट्रो रेल के प्रॉयरिटी सेक्शन पर इस साल 30 नवंबर तक मेट्रो ट्रेनों के ट्रॉयल शुरू हो जाएंगे। आईआईटी और एसपीएम मेट्रो स्टेशनों का सिविल वर्क पूरा हो चुका है। अब यहां पर इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग, कम्यूनिकेशन सिस्टम्स का इंस्टालेशन शुरू होगा। आईआईटी मेट्रो स्टेशन पर होने वाले इन सभी कामों की तर्ज पर ही सभी दूसरे मेट्रो स्टेशनों में काम होंगे। ट्यूजडे को यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन के एमडी कुमार केशव ने पूरे मेट्रो रूट का इंस्पेक्शन किया। उन्होंने आईआईटी मेट्रो स्टेशन पर कई घंटे बिताए और कंस्ट्रक्शन को लेकर प्लानिंग व एग्जीक्यूशन पर अधिकारियों से बातचीत की।

प्रॉयरिटी सेक्शन पर 8 ट्रेनें

प्रॉयरिटी सेक्शन के इंस्पेक्शन के बाद एमडी कुमार केशव कास्टिंग यार्ड पहुंचे। यहां मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि कानपुर मेट्रो के लिए 39 ट्रेनों के आर्डर दिए गए है। जिसमें कुल 117 कोच होंगे। कानपुर में पहली मेट्रो ट्रेन सितंबर तक आ जाएगी। आईआईटी से मोतीझील तक के प्रॉयरिटी सेक्शन पर 8 मेट्रो ट्रेनें चलेंगी। इस रूट पर ट्रैक बिछाने और ट्रैक्शन का काम भी जल्द शुरू होगा।

नौबस्ता रूट का भी इंस्पेक्शन

प्रॉयरिटी सेक्शन के इंस्पेक्शन के बाद यूपीएमआरसी एमडी ने झकरकटी से नौबस्ता तक के प्रस्तावित मेट्रो रूट का भी इंस्पेक्शन किया। इस रूट पर झकरकटी से मेट्रो ट्रेन सड़क के ऊपर बनेगी। ऐसे में रूट में पड़ने वाले मुख्य प्वाइंट्स को चेक किया गया। साथ ही इस रूट पर कितनीे सरकारी जमीन मिल सकती है। इस पर भी चचार्1 हुई।

सेकेंड फेज के लोन पर फैसला जल्द

चुन्नीगंज से नयागंज तक सेकेंड फेज के अंडरग्रांउड मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक से बातचीत अंतिम चरण में है। यह टेंडर ओपन है। यूपी एमआरसी एमडी ने कुमार केशव ने जानकारी दी कि इस लोन का अप्रूवल एक से दो हफ्ते में मिल जाएगा। टीपी नगर तक मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए टेंडर की डिटेल्स भी अभी ईआईबी के पास है।

सरकारी जमीन की देनदारी नहीं

बीते दिनों नगर निगम की ओर से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए निगम की जमीनों के यूज को लेकर देनदारी का दावा किया गया था। कुल 100 करोड़ रुपए का हिसाब नगर निगम अधिकारियों ने मेट्रो के अधिकारियों को दिया था। वहीं ट्यूजडे को यूपीएमआरसी एमडी कुमार केशव ने साफ किया कि मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए सरकारी जमीनों को लेने में कोई देनदारी नहीं बनती है। लखनऊ मेट्रो के कंस्ट्रक्शन के दौरान कभी ऐसा नहीं हुआ है। सिर्फ डिफेंस और कारपोरेशन से जुड़ी जमीनों पर ही मेट्रो कापोर्रेशन मुआवजा देता है।

हाईलाइट्स

-आईआईटी और एसपीएम मेट्रो स्टेशन में सिविल वर्क पूरा

- अब सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स का इंस्टालेशन होगा