-नगर निगम के डेथ सर्टिफिकेट में कॉज ऑफ डेथ का जिक्र ही नहीं है

- नगर निगम में दो महीने में जारी किए रिकार्ड 9024 डेथ सर्टिफिकेट, कोरोना से सिर्फ 1040 मौतें

KANPUR: सिटी में बीते दो महीनों में नगर निगम ने रिकार्ड 9024 डेथ सर्टिफिकेट जारी किए। साल 1930 से जब से नगर निगम डेथ सर्टिफिकेट जारी कर रहा है। तब से अब तक दो महीनों में इतने डेथ सर्टिफिकेट कभी भी जारी नहीं हुए। इसे कोरोना वायरस का असर कहें या कुछ और, जो डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए उसमें से कोरोना से मौत सिर्फ 1040 लोगों की ही हुई। जबकि बाकी 7984 लोगों की मौत किस वजह से हुई किस वजह से हुई यह अभी भी साफ नहीं है। क्योंकि नगर निगम के डेथ सर्टिफिकेट में कॉज ऑफ डेथ का जिक्र ही नहीं है।

सेकेंड वेव में 1 हजार की ही हुई मौत?

नगर निगम से जारी डेथ सर्टिफिकेट में जनपद के ग्रामीण क्षेत्र शामिल नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सिटी में अब तक कोरोना से 1900 लोगों की मौत हुई है। जबकि 31 मार्च 2021 तक कोरोना की सेकेंड वेव की शुरुआत के समय सिटी में कोरोना से 849 लोगों की मौत हुई थी। वहीं नगर निगम की ओर से मई और जून में जारी डेथ सर्टिफिकेट में 1040 की कोरोना से मौत होने की जानकारी मिली है। यह डेथ सर्टिफिकेट नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के हैं। जिनकी मौत हुई।

आंकड़ों पर कई बार उठे सवाल

मालूम हो कि कोरोना की सेकेंड वेव में मौतों के आंकड़ों पर कई बार सवाल उठे हैं। कोरोना से जिन लोगों की मौत घर में या फिर इलाज के लिए ले जाते वक्त रास्ते में हुई। उनकी संख्या आज तक सामने नहीं आई है, लेकिन दो महीनों में कोरोना के अलावा ऐसी कौन सी बीमारी थी। जिसकी वजह से 8 हजार लोगों की मौत हो गई यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

हार्ट अटैक से हुई मौतत!

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अजय संखवार के मुताबिक जिन डेथ सर्टिफिकेट के जिन आवेदनों के साथ कोविड रिपोर्ट लगी थी। उनमें काज ऑफ डेथ कोविड माना गया। जबकि ज्यादातर डेथ सर्टिफिकेट के आवेदनों के साथ डॉक्टर का जो सर्टिफिकेट होता है। उसमें काज ऑफ डेथ कार्डियक अरेस्ट होता है। जिसे सामान्य मौत मान कर डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

फ् साल में मई, जून महीने में जारी डेथ सर्टिफिकेट

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