- एसआईटी को जांच में 8000 से ज्यादा असलहा लाइसेंस संदिग्ध, आईएएस पीसीएस अफसरों की गलती मिली

- पूर्व डीएम, एडीएम के सिग्नेचर का होगा मिलान, दो हजार से ज्यादा फाइलों में स्वीकृति या अनुमोदित नहीं लिखा

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KANPUR : असलहा लाइसेंस में हुई गड़बडि़यों की जांच कर रही एसआईटी को कई आईएएस व पीसीएस अफसरों की गलती मिली है। असलहा विभाग में तैनात कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होने की उम्मीद है। फ‌र्स्ट फेज में फाइलों के सत्यापन का कार्य पूरा कर चुकी एसआईटी अब यहां तैनात रहे डीएम, एडीएम सिटी व एडीएम फाइनेंस और सिटी मजिस्ट्रेट के सिग्नेचर का मिलान कराने की तैयारी में है। उन्हें नोटिस देकर एसआईटी अपने ऑफिस बुलाएगी और फिर उनसे फाइलों पर हस्ताक्षर के मिलान कराएगी। जिन फाइलों में कागजात अधूरे थे उन्हें कैसे पास कर दिया गया यह अफसरों को बताना होगा।

3000 फाइलों पर दस्तखत किसके

असलहा लाइसेंस के सत्यापन के दौरान ही ये पता चला है कि दो हजार से अधिक फाइलों में स्वीकृति या अनुमोदित शब्द नहीं लिखा है, जबकि तत्कालीन जिलाधिकारियों के हस्ताक्षर फाइल पर हैं। एसआइटी तत्कालीन जिलाधिकारियों से स्वीकृत या अनुमोदित न लिखने के पीछे उनकी मंशा जानना चाहेगी। साथ ही जिन अफसरों ने लाइसेंस का नवीनीकरण किया उनसे भी यह जानने का प्रयास करेगी कि जब स्वीकृत या अनुमोदित नहीं लिखा था तो उन्होंने नवीनीकरण क्यों किया। इसी तरह तीन हजार से अधिक फाइलों पर हस्ताक्षर किसके हैं यह पता नहीं चल रहा है। जब ये फाइलें स्वीकृत हुईं थीं उस समय तैनात रहे डीएम व एडीएम से पुलिस जानेगी कि उनके हस्ताक्षर हैं या नहीं। अगर हैं तो उन्होंने पदनाम लिखना मुनासिब क्यों नहीं समझा।

अफसरों से पूछताछ करेगी एसआईटी

जिन फाइलों को एडीएम, एसडीएम या सिटी मजिस्ट्रेट ने स्वीकृत किया था उन्हें भी एसआईटी बुलाएगी। उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने बिना अधिकार के ही कैसे और किसके दबाव में लाइसेंस स्वीकृत किया। अगर वे साक्ष्य नहीं देते हैं तो एसआईटी उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी कर सकती है। इतना ही नहीं एसआईटी यह भी पता कर रही है कि किसी क्रिमिनल का लाइसेंस तो पास नहीं किया गया है।