- शहर में एक्टिव है धर्म परिवर्तन कराने वालों का गैंग, ब्रेनवाश कर देते हैं

- विदेशों से हो रही फंडिंग, मंगलवार को 10वीं के छात्र का एक मामला और आया सामने

kanpur : कानपुर में धर्म परिवर्तन कराने वालों की जड़े गहरी हो रही है। इसका खुलासा एक दिन पहले लखनऊ में अरेस्ट किए गए दो मौलानाओं की गिरफ्तारी के बाद उनसे मिली जानकारी से हुआ था। यह लोग देशभर में एक हजार से ज्यादा लोगों के धर्म परिवर्तन करा चुके हैं। कानपुर में भी धर्म परिवर्तन कराने वाला गैंग एक्टिव है। यह सुनियोजित तरीके से युवाओं को टारगेट करते हुए उन्हें इस्लाम की ओर ले जा रहा है। इसका खुलासा मूक बधिर स्कूल के प्रिंसिपल ने किया है। उके मुताबिक आदित्य उर्फ अब्दुल्ला ने ज्योति बधिर स्कूल के एक और छात्र को धर्म परिवर्तन कराने के लिए प्रेरित किया था। 2020 की ये घटना गोविंद नगर थाने तक पहुंची थी। थाने में पंचायत भी लगी। मगर पुलिस के कहने के बाद भी पीडि़तों ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई। हालांकि च्योति बधिर विद्यालय के प्रिंसिपल का मानना है कि यदि उस वक्त पुलिस ने कार्रवाई कर दी होती तो ये मामला इतना बढ़ता ही नहीं।

ऑनलाइन एजूकेशन से कर रहे ब्रेनवॉश

घटना अगस्त 2020 की है। लॉकडाउन के दौरान सभी स्कूलों की तरह च्योति बधिर विद्यालय में भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई थी। इसके लिए स्कूल प्रशासन से सभी बच्चों को मोबाइल फोन खरीदने के लिए कहा गया था। उसी दौरान वाट्सएप के जरिए आदित्य स्कूल की दसवीं क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे के सम्पर्क में आ गया था। वह उसे धर्म परिवर्तन के बारे में जानकारी देने के अलावा उसके फायदे बताने लगा था। दोनों में अक्सर वीडियो कॉल पर ही बात होती थी। इसके अलावा वाट्सएप चेट पर भी जानकारी इधर उधर साझा हो रही थी।

बदल गया था छात्र का व्यवहार

प्रिंसिपल रामदास पाल ने बताया कि आदित्य से बातचीत के बाद दसवीं के छात्र का व्यवहार भी बदलने लगा था। वह भी इस्लाम और नमाज पढ़ने को लेकर गम्भीर हो गया था। उसके परिजनों को उसके व्यवहार को लेकर शक हुआ तो उसका मोबाइल चेक किया। तब आदित्य के मैसेज की जानकारी हुई। परिवार ने इसकी शिकायत गोविंद नगर थाने में की थी।

पंचायत लगी मगर िनष्कर्ष नहीं

थाने में पंचायत लगी। जिसमें छात्र उसके माता पिता, आदित्य उसके माता पिता और प्रिंसिपल रामदास पाल को भी बुलाया गया था। प्रिंसिपल के मुताबिक वहां पर इस घटना को लेकर पुलिस ने पूरी जानकारी ली। तब उन्होंने मामले में रिपोर्ट लिखाने के लिए कहा मगर छात्र के माता पिता ने मना कर दिया।

स्कूल में कई मुस्लिम बच्चे भी है छात्र

प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल में 200 बच्चे पढ़ते हैं। जिसमें से 60 बच्चे बाहर से हैं और हॉस्टल में रहते हैं। वह बताते हैं कि स्कूल में कई मुस्लिम बच्चे भी है। मगर कौन किसके सम्पर्क में है यह बता पाना बहुत मुश्किल है।