कानपुर(ब्यूरो)। डॉ.अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड (एआईटीएच) में एडवांस ड्रोन बनाने पर काम शुरू हो गया है। 2019 बैच के एलुमिनाई कुशाग्र दीक्षित के सहयोग से शुरू किए गए रिसर्च चेयर प्रोग्राम के तहत इसको शुरू किया गया है। ऐसा सॉफ्टवेयर और ड्रोन विकसित किया जा रहा है, जिसमें किसी स्थान का लांगिट्यूड और लैटिट्यूट डालने पर ड्रोन उस स्थान पर पहुंच जाएगा और साफ्टवेयर की फीडिंग के अनुसार वापस उसी स्थान पर आ जाएगा। इस काम के लिए रिसर्च चेयर प्रोग्राम की टीम संस्थान के अटल बिहारी वाजपेई रिसर्च सेंटर (एबीवीआरसी) में काम कर रही हैं। स्टूडेंट्स के अलावा टीम में प्रोफेसर्स और अन्य पेड प्रोफेशनल्स को रखा गया है। बताते चलें कि बीते महीनों में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर को ड्रोन एक्सीलेंस सेंटर के रुप में विकसित करने की बात कही थी।

ड्यूरेशन बढ़ाने पर हो रहा काम
रिसर्च चेयर प्रोग्राम के तहत ड्रोन के इंजन पर काम हो रहा है। इंजन को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है, जो कि आटोमैटिक मोड में लगने के बाद प्रोग्राम करने पर खुद लोकेशन को फाइंड कर ले। इसके अलावा बैटरी के स्थान पर नाइट्रो फ्यूल से चलने वाला इंजन तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि नाइट्रो फ्यूल से चलने वाला इंजन लांग टाइम ड्यूरेशन तक हवा में रह सकेगा। अभी तक बैटरी से चलने वाले ड्रोन कम समय में ही काम करना बंद कर देते हैं।

यह मिली सक्सेस
एआईटीएच में ड्रोन पर एक सक्सेस मिल चुकी है। रिसर्च के पार्ट में ड्रोन को लैपटाप से कंट्रोल करना भी शामिल है। ऐसे में फिलहाल 100 मीटर दूरी पर ड्रोन को साफ्टवेयर के माध्यम से कंट्रोल कर लिया गया है। आने वाले समय में इस दूरी को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश है कि ऐसा सिस्टम डेवलप हो जो कि दूसरे शहर में बैठकर भी ड्रोन को डेवलप किया जा सके।

बैंगलोर से आ रहा सामान
एडवांस ड्रोन को बनाने के लिए बैंगलोर से सामान और पुर्जों आदि को मंगाया जा रहा है। रिसर्च टीम के मेंबर्स ने बताया कि कुछ सामान आ गया है और कुछ के आने का इंतजार है। इसके आते ही तीन महीने के भीतर एक स्पेशल ड्रोन बनकर तैयार हो जाएगा, जिसका ट्रायल कैंपस में होगा।

इंस्टीट्यूट में एडवांस ड्रोन बनाने पर काम हो रहा है। ऐसा ड्रोन तैयार किया जाएगा जो कि एड्रेस फीड करने सेल्फ लोकेशन फाइंड करे और देरी तक हवा में उड़ सके। इसके अलावा कई अन्य फीचर भी होंगे।
डॉ। श्वेता त्रिपाठी, एचओडी इलेक्ट्रानिक्स, एआईटीएच