कानपुर (ब्यूरो) उत्तर प्रदेश पुलिस को अगले साल 2022 में घुड़सवारों का दल मिलेगा। इनकी भर्ती 23 साल बाद हो रही है। पुलिस भर्ती बोर्ड से चयनित घुड़सवारों की दिसंबर से ट्रेनिंग शुरू होगी। इसके बाद घुड़सवार पुलिसकर्मियों को मंडल मुख्यालय पर तैनात किया जाना है। सूबे में सिर्फ डा.भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में ही घुड़सवारों के साथ ही घोड़ों को भी ट्रेनिंग दी जाती है। 1998 में मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग स्कूल से घुड़सवारों के अंतिम दल ने ट्रेनिंग पूरा की थी। जिसमें से केवल 10 घुड़सवार पुलिसकर्मियों को ही प्रशिक्षित किया गया था, तब से अब तक पुलिस घुड़सवारी दल का कोई प्रशिक्षण नहीं हुआ है। पुराने सिलेबस में बदलाव करने के साथ ही ट्रेनिंग देने की तैयारी शुरू हो गई है। अकादमी के अफसरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने 105 घुड़सवार पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उनको प्रशिक्षण के लिए अकादमी बुलाया जा रहा है।


45 पुलिसकर्मी ट्रेनिंग के लिए पहुंचे
पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया जा रहा है। 23 नवंबर तक पुलिस अकादमी में 45 घुड़सवार पुलिसकर्मी आमद दर्ज कराने पहुंच चुके हैं, शेष का इंतजार किया जा रहा है। अकादमी के एसएसपी राजेश कुमार ने बताया कि जो भी अभ्यर्थी अकादमी में प्रशिक्षण के लिए आ रहे हैं, उन्हें कोविड गाइड लाइन के अनुसार पांच दिनों तक क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह से सभी का प्रशिक्षण शुरू होगा।


324 पद, रिक्त ज्यादा
यूपी पुलिस में घुड़सवार पुलिसकर्मियों के कुल 324 पद हैं। बीते 23 सालों से इस पद के लिए भर्ती ही नहीं की गई। इसको लेकर पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने मंथन किया। इसके बाद घुड़सवार पुलिसकर्मियों की भर्ती का निर्णय लिया गया। मौजूदा समय में यूपी के अलग-अलग जनपदों में लगभग 48 घुड़सवार पुलिसकर्मी हैं। उनमें से भी ज्यादातर घुड़सवार पुलिसकर्मी अगले दो से तीन साल में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में पुलिस विभाग में इनकी उपयोगिता को देखते हुए घुड़सवार पुलिसकर्मियों का नया दल तैयार करने का निर्णय लिया गया है।

कानपुर को मिलेंगे सात घोड़े और तीन शाइस्त
कानपुर की माउंटेड पुलिस को सात घोड़े दिए जाएंगे जबकि तीन शाइस्त भी मिलेंगे। बताते चलें कि कानपुर में राइडिंग क्लब भी बनाया गया है,। जिसमें पुलिस के घोड़े इस्तेमाल किए जाएंगे। इससे जो भी फंड मिलेगा उससे घुड़सवार पुलिस लाइन का कायाकल्प किया जाएगा। वहीं कानपुर की माउंटेड पुलिस के ये घोड़े विश्व के बाजार में देखे जाएंगे। कानपुर में बनने वाली सैडलरी के लिए ये घोड़े प्रमोशन करेंगे। लगभग तीन साल पहले इन घोड़ों को शादी समारोहों में भी भेजा जाता था। दो साल पहले तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने घोड़ों का समारोहों में जाना बंद कर दिया। अब इन घोड़ों का इस्तेमाल लॉ एंड आर्डर मेनटेन करने के लिए किया जाता था।