कानपुर (ब्यूरो)। गर्मी ने दस्तक दे दी है। इस मौसम में ही ज्यादातर आग लगने की घटनाएं होती हैं। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने वेडनसडे को सिटी के एजुकेशनल इंस्टिट्यूट का रियलिटी चेक किया जिसमें स्थिति हकाफी चिंताजनक मिली। इंस्टीट्यूशंस में लगे फायर एक्सटिंग्यूशर सिर्फ दिखावे के लिए लगे मिले। कहीं पर जंक लगा फायर एक्सटिंग्यूशर लटका था तो कहीं पर एक्सपायरी टंगा हुआ था। वहीं, ज्यादातर इंस्टीट्यूट्स में फायर अलार्म तक नहीं लगा है। जहां लगा है, वहां खराब पड़ा है। ऐसे में अगर कोई घटना होती है तो ये आग तो क्या एक चिंगारी भी नहीं बुझा पाएंगे। हैरानी वाली बात तो यह है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन को इस बात की जानकारी है, लेकिन इसके बाद भी हजारों स्टूडेंट्स को जिंदगी को खतरे में बनी हुई है। बताते चलें कि बीते ही सीएसजेएमयू के मूल्यांकन भवन में आग लगी थी। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई थी।

आइए अब बारी-बारी से पढ़ते हैं, कहां पर क्या हालात रहे


आईटीआई पांडु नगर: फायर एक्सटींग्यूशर में लगी जंक
जिला की सबसे बड़ी गवर्नमेंट आईटीआई पांडु नगर में तीन हजार से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। पड़ताल के दौरान यहां स्थिति गंभीर नजर आई। एकेडमिक बिल्डिंग में अंदर जाते ही गैलरी की ओर हमें दो फायर एक्सटिंग्यूशर लगे दिखाई पड़े। दोनों 24 नवंबर 2016 को एक्सपायर हो चुके हैं। आग लगने पर यह सिर्फ दीवार पर ही टंगे रहेंगे, बुझाने के काम नहीं आएंगे। इसके अलावा बिल्डिंग में कई जगह इलेक्ट्रिक वायर्स का मकडज़ाल दिखा जो शार्ट सर्किट से आग लगने की संभावना को बता रहा था। जो यंत्र लगे हैैं वह पुराने हो गए हैैं। अब उनमें फिलिंग नहीं हो सकती है। कुछ नए यंत्रों को खरीदा गया है। जल्द ही उनको इंस्टाल करवा दिया जाएगा।
डॉ। नरेश कुमार, प्रिंसिपल आईटीआई पांडुनगर

सीएसए: सिर्फ दिखावे के लिए लगे फायर एक्सटींग्यूशर
सीएसए में 2700 से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। कैंपस के कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर के फस्र्ट फ्लोर पर कुछ अग्निशमन यंत्र लगे नजर आए। मौके पर जाकर घड़ी देखी गई तो सुई रेड निशान पर थे। इसका सीधा सा मतलब है कि उपकरण को मेंटेनेंस की जरूरत है। इस बिल्डिंग पर टोटल 11 उपकरण लगे थे, जिनमें तीन ग्रीन और 8 रेड निशान पर थे। इसके अलावा कई जगह हमको फायर अलार्म लगा दिखा। हालांकि वहां संचालन की स्थिति में नहीं था। इसके अलावा मेन प्रशासनिक बिल्डिंग में दूर-दूर तक कोई यंत्र लगा नजर नहीं आया। हालांकि अफसर का कहना है कि ऑफिसेस के अंदर यंत्र रखे हुए हैं आग लगने पर उनका उपयोग किया जाएगा।
बीते दिनों कैलाश भवन के यंत्रों में सर्विस कराई गई है। रेगूलर चेकअप चल रहा है जो यंत्र रेड लाइन में है उनमें सर्विस और फिलिंग कराई जाएगी।
प्रो। सीएल मौर्या, डीन एग्रीकल्चर सीएसए

एचबीटीयू: रेड निशान पर फायर एक्सटींग्यूशर
हरकत बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में 6 हजार से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। यहां पर रियलिटी चेक के दौरान आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी दिखे। कैंपस में जगह-जगह पर अग्निशमन यंत्र लटके हुए थे। डीन एकेडमिक्स और फूड टेक्नोलॉजी के सेमिनार रूम के बाहर लगा यंत्र रेड निशान पर था। कुछ इसी तरह का हाल कई और अग्निशमन यंत्रों का भी था। हालांकि वुसी ऑफिस के बाहर और कई अन्य जगहों पर लगे यंत्र अपडेटेड थे। यहां पर लगे यंत्रों में एक्सपायरी डेट का स्टीकर नहीं लगा था।

रियलिटी चेक में आगे बढ़ते हुए डॉक्टर अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी दिव्यांगजन (एआईटीडी) में एक हजार से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। यहां पर डायरेक्टर प्रोफेसर रचना स्थापना के ऑफिस के बाहर लगा फायर एक्सटींग्यूशर फरवरी 2024 में एक्सपायर हो चुका था। इसके अलावा में बिल्डिंग में कहीं अन्य जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगा नजर नहीं आया। जब डायरेक्टर ऑफिस के बाहर लगाइए तो जब एक्सपायर हो चुका है तो अन्य जगहों पर लगे यंत्रों की स्थिति का अंदाजा आप लगा सकते हैं।

सीएसजेएमयू: यहां पर ऑल ओके
सीएसजेएमयू में दस हजार से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। कैंपस में विकसित के दौरान हमने सेंटर फॉर एकेडमिक्स, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, दीनदयाल शोध केंद्र और कई डिपार्टमेंट का रियलिटी चेक किया। सभी स्थानों पर यंत्र में लगी घड़ी की सुई ग्रीन जोन पर थी और सितंबर 2024 तक यंत्र अपडेटेड होने का स्टीकर लगा हुआ था।

कैंपस की हर जगह अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैैं और सभी अपडेट हैैं। समय समय पर उनकी सर्विस और फिलिंग आदि कराई जाती है।
डॉ। विशाल शर्मा, मीडिया प्रभारी सीएसजेएमयू

साल में एक बार रिफिलिंग और सर्विस
अग्निशमन यंत्र को एक बार परचेस करने के बाद साल में एक बार इसका मेंटेनेंस करना आवश्यक है। इस मेंटेनेंस के दौरान प्रेशर और उसके भीतर भरे पाउडर की जांच की जाती है। यदि ऐसा ना किया जाए और यंत्र में लगी सुई रेड निशान पर पहुंच जाती है तो यंत्र किसी काम का नहीं रहता।