चकेरी एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल के निर्माण में देरी के साथ आईएलएस के दगा दे जाने की लानत किसके नाम होगी. क्योंकि इस वजह से ट्यूजडे को देश के पीएम भी उड़ान नहीं भर सके. उन्हें भी खराब मौसम की वजह से बाकी पैसेंजर्स की तरह मजबूरन लखनऊ एयरपोर्ट जाना पड़ा. मालूम हो कि नवंबर में मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरू लिए फ्लाइट शुरू होने पर सरकार के मंत्रियों ने दावा किया था कि यहां से उड़ाने बंद नहीं होंगी. आईएलएस कैट-3 लगाकर लो विजिबिलिटी में भी लैडिंग व टेकऑफ के लिए रनवे सक्षम बनाया जाएगा,लेकिन ट्यूजडे को जब पहली बार मौसम खराब होने की वजह से विजिबिलिटी लो हुई तो आईएलएस-1 दगा दे गया.
कानपुर (ब्यूरो) चकेरी एयरपोर्ट पर लगा आईएलएस कैट-1 सिस्टम 1500 मीटर की विजिबिलिटी पर ही काम करता है। ट्यूजडे को मौसम खराब होने की वजह से विजिबिलिटी घट कर 800 मीटर रह गई। ऐसे में आईएलएस कैट-1 ने काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद एयर टै्रफिक कंट्रोल की अनुमति नहीं मिलने पर सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ तक जाना तय किया। मालूम हो कि लखनऊ एयरपोर्ट पर आईएलएस कैट-3 लगा है। जिसमें 800 मीटर तक की विजिबिलिटी में भी प्लेन लैंड और टेकऑफ कर सकता है।
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