- डीप सीवर पाइप लाइन बिछाने के बाद खुदी सड़कें मानकों की अनदेखी कर बनाई जा रहीं

- ब्लैक टॉप के दौरान सड़क पर स्पीड ब्रेकर नहीं बनाने से लगातार हो रहे हैं एक्सीडेंट्स

- एरिया के लोगों की शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अफसर नहीं दे रहे समस्या पर ध्यान

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KANPUR : पत्रकारपुरम से इंदिरा नगर को जाने वाली रोड पर स्पीड ब्रेकर का नहीं होना आए दिन दुर्घटनाओं का सबब बन चुका है। ऐन होली वाले दिन चार भयंकर एक्सीडेंट्स से एरिया के लोग टेंशन में हैं। यह समस्या अकेले इस इलाके की नहीं है। पूरे शहर में खुदाई के बाद ब्लैक-टॉप करके बनाई गई सड़कों का आलम कुछ ऐसा ही है। खुदाई से पहले जहां स्पीड ब्रेकर की वजह से व्हेकिल्स स्लो स्पीड में चला करते थे। आज उन्हीं सड़कों पर रफ्तार के सौदागर 'धूम' मचाए हुए हैं।

सड़क बना दी, भूल गए स्पीड ब्रेकर

शहर में डीप सीवर लाइन बनाने का काम अब तक जारी है। डीएम डॉ। रोशन जैकब की सख्ती के बाद इन सड़कों को आनन-फानन में ब्लैक टॉप करवाकर ठीक करवाया जा रहा है। जल्दबाजी में पीडब्लूडी और नगर निगम दोनों ही विभाग स्पीड ब्रेकर को भूल ही गए हैं। आर्य नगर टेलीफोन एक्सचेंज रोड, कम्पनी बाग से रावतपुर, परशुराम वाटिका रोड, आचार्य नगर आदि सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का नामोनिशान तक नहीं बचा है। वाहन चालक भी मक्खन जैसी रोड मिलने पर अंधाधुंध गाड़ी भगाने लगते हैं। कम्पनी बाग से रावतपुर समेत अशोक नगर, आर्य नगर, वीआईपी रोड तक में कई जगह तो ब्लाइंड टर्न हैं, जहां हर वक्त एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है। मगर, वहां भी नियमों की अनदेखी की वजह से एक्सीडेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

दो महीने में क्फ् एक्सीडेंट

इंदिरा नगर जाने वाली रोड पर दो महीने में क्फ् एक्सीडेंट्स की वजह से एरिया के लोग तक परेशान हैं। सोसाइटी के एक्स प्रेसीडेंट कैलाश प्रसाद ने बताया कि जब से ख् किमी लंबी सड़क दोबारा बनी है। बाइक और कार वाले क्00-क्ख्0 की स्पीड में दिन-रात रेस लगाते हैं। स्पीड ब्रेकर हो तो गाडि़यों की स्पीड पर ब्रेक भी लगे। मगर, ब्रेकर नहीं होने से आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं। हाउसवाइफ सुभ्रता अवस्थी के मुताबिक अब तो एक्सीडेंट रोज की बात हो गई है। होली वाले दिन चार एक्सीडेंट हुए। उनमें से दो बाइक वाले बुरी तरह घायल हो गए थे। जिन्हें एरिया के ही लोगों की मदद से एडमिट करवाया गया। स्कूली बच्चों से लेकर महिलाएं सड़क पर पैदल चलने में असुरक्षित महसूस करती हैं।

अफसरों के बंगले और स्कूलों की अनदेखी

शीलिंग हाउस पेट्रोल पम्प तिराहे से लेकर कमिश्नर बंगले तक सड़क खुदाई का काम जारी है। यहां स्कूल प्रिमिसेज और कमिश्नर ऑफिस के सामने कभी स्पीड ब्रेकर हुआ करते थे। मगर, सड़क खुदाई के कारण दोनों ही प्वाइंट पर स्पीड ब्रेकर टूट चुके हैं। राजीव पेट्रोल पम्प की ओर से आने वाले वाहन चालक स्पीड की परवाह नहीं करते। छुट्टी के बाद स्कूल से स्टूडेंट्स बाइक को तेज रफ्तार में लेकर गेट से बाहर निकलते है। ऐसे में तेज रफ्तार वाहनों से टक्कर का खतरा बना रहता है।

परमीशन के साथ ही बनाने के निर्देश

जिस वक्त पीडब्लूडी या अन्य विभाग को रोड कटिंग की परमीशन दी जाती है। उसी वक्त जिला प्रशासन की ओर से उनके मेंटीनेंस को लेकर भी गाइडलाइंस जारी कर दी जाती हैं। एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने बताया कि सड़क पहले जिस कंडीशन में थी। उसमें जहां-जहां ब्रेकर थे। खुदाई के बाद मेंटीनेंस के दौरान भी उन प्वाइंट्स पर ब्रेकर बनाए जाने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो यह गलत है। इस संबंध में जिम्मेदार अफसरों को लिखित में ही गाइडलाइंस जारी की जाती हैं।

यहां नहीं बनाए गए स्पीड ब्रेकर

पत्रकारपुरम से इंदिरा नगर रोड, कम्पनी बाग से रावतपुर, अशोक नगर, आर्यनगर, नानाराव पार्क से डीएम रेजीडेंस, आचार्य नगर से रायपुरवा रोड। कमिश्नर बंगले और शीलिंग हाउस के सामने। वीरेन्द्र स्वरूप स्कूल से चुन्नीगंज तिराहा, आर्य नगर तिराहे से परशुराम वाटिका रोड। गैंजेस क्लब से टेलीफोन एक्सचेंज रोड।

स्पीड ब्रेकर के लिए निर्धारित मानक और उनकी हकीकत

मानक स्टैंडर्ड रिएलिटी

सेंट्रल हाइट क्0-क्ख् सेंमी ख्ब्-ख्म् सेंमी

विड्थ फ्.भ् मीटर फ्8 सेंमी

पेंट अनिवार्य कहीं है, कहीं नहीं

कैट्स आई सोलर ब्लिंकर्स कहीं भी नहीं लगे

साइनेज बोर्ड ब्रेकर से पहले किसी भी रोड पर

ख् बोर्ड होने चाहिए। नहीं लगवाया गया

पहला, क्0 मी और

दूसरा ख्0-फ्0 मी। पहले

(नोट : स्पीड ब्रेकर के मानक आईआरसी के मुताबिक)

स्पीड ब्रेकर की अनदेखी व उनके निर्माण में मनमानी के साइड एफेक्ट -

ø ज्यादा ऊंचाई की वजह से गाडि़यों का निचला हिस्सा डैमेज हो जाता है। वहीं टू-व्हीलर पलटने से एक्सीडेंट्स ज्यादा होते हैं।

ø कम चौड़ाई की वजह से कई बार गाडि़यां उछल कर आगे गिर पड़ती हैं।

ø ब्रेकर नहीं होने की वजह से लोग अंधाधुंध गाडि़यां भगाते हैं, जिस कारण ज्यादातर दुर्घटनाएं होती हैं।

ø फ्लोरोसेंट पेंट नहीं लगा होने की वजह से दूर से ब्रेकर विजिबल नहीं हो पाते। नजदीक जाने पर पता चलता है, जिस कारण लोग गिर पड़ते हैं।

ø कैट्स आई नहीं लगी होने के कारण ब्रेकर रात में नहीं दिख पाते और गंभीर एक्सीडेंट हो जाते हैं।

ø साइनेज बोर्ड नहीं लगाए जाने की वजह से ब्रेकर का पता नहीं चल पाता और लोग तेज रफ्तार में बढ़ते रहते हैं।

'रोड कटिंग की परमीशन के दौरान ही क‌र्न्सन डिपार्टमेंट को दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाते हैं कि सड़क बनाने में किन-किन मानकों का निर्धारण किया जाए.'

- अविनाश सिंह, एडीएम सिटी

'ब्रेकर बनाने के लिए परमीशन ली जाती है। या तो कोई ज्योमेट्रिकल डिजाइन के कारण रिक्वायरमेंट हो या फिर ब्लाइंड टर्न व मिनिमम साइड डिस्टेंस की जब जरूरत होती है तब उन सड़कों पर ब्रेकर बनवाए जाते हैं। जहां-जहां हॉस्पिटल-स्कूल हैं, वहां भी देखना पड़ता है। इसके अलावा अगर कहीं जरूरत होती है तो पब्लिक डीएम को लिखित में देती है तब वहां से ऑर्डर होता है और उसके बाद हम लोग डिवाइडर बनवाते हैं.'

- राकेश कुमार, एक्सईएन, पीडब्लूडी

पब्लिक स्पीक -

ø इलाके में नई सड़क बनने की वजह से हर समय तेज रफ्तार में गाडि़यां चलती रहती हैं। ऐन होली वाले दिन एरिया के टी-प्वाइंट पर चार एक्सीडेंट हुए, जिससे गाड़ी वाले लड़के बुरी तरह घायल हो गए थे। जिम्मेदार अफसर ध्यान हीं दे रहे हैं, जिससे यहां दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं।

- कैलाश प्रसाद, एक्स-प्रेसीडेंट, पत्रकारपुरम सोसाइटी

ø स्पीड ब्रेकर बन जाए तो रोज-रोज होने वाली दुर्घटनाएं रुक जाएं। बाइक हो या कार, इस सड़क पर सब रेस लगाते हैं। घर से बाहर निकलते वक्त भी थोड़ी देर खड़े रहना पड़ता है कि सड़क खाली हो जाए।

- शुब्रता अवस्थी, हाउसवाइफ

ø स्पीड ब्रेकर न होने से कुछ लोग मोहल्लों में ऐसे गाड़ी चलाते हैं जैसे हाईवे हो। और यहां खेलने वाले छोटे बच्चों को रिस्क होता है।

- दीपक मिश्रा

ø जिम्मेदार अफसरों को चाहिए कि जो सड़क खोदे। उसे पुराने स्वरूप में लौटाते वक्त यह भी ध्यान रखें कि उस वक्त कहां-कहां ब्रेकर थे। पर अफसोस ऐसा होता नहीं है।

- राहुल तिवारी

ø स्पीड ब्रेकर जरूर बनने चाहिए सड़क पर। इसके नहीं होने पर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। खासकर स्कूलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में यह बहुत जरूरी है।

- अंजनी कुमार श्रीवास्तव

ø ब्रेकर होने चाहिए, लेकिन जितने पास-पास यह बनाए जाते हैं, उतने पास नहीं। दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए विदेशों की तर्ज पर स्पीडो मीटर होने चाहिए।

- मोहित शुक्ला

ø आजकल जिस तरह खड़े स्पीड ब्रेकर बनाए जा रहे हैं। उससे गिरने का खतरा और भी बढ़ जाता है। ब्रेकर लंबे बनाने चाहिए जिससे उन्हें पार करते वक्त झटका न लगे और न ही कोई बाइक वाला सड़क पर गिरे।

- एडवोकेट राहुल वर्मा