कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर में स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी (एसएमआरटी) और 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले जाने को यूपी गवर्नमेंट की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 750 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे और लोगों को बेहतर इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। इससे मेडिकल फील्ड में इनोवेशन को बढ़ावा भी मिलेगा। टेक्नोलॉजी के बेहतर यूज से जटिल से जटिल बीमारी का ट्रीटमेंट आसानी से किया जा सकेगा। यहां एडवांस लेवल की रिसर्च भी होगी।

सुपर स्पेशियलटी कोर्स भी चलेंगे
आईआइटी कानपुर में स्थापित होने वाले एसएमआरटी में आंकोलाजी, कार्डियोलाजी, कार्डियोवस्कुलर व थोरेसिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, गैस्ट्रोएंट्रोलाजी, नेफ्रोलाजी, यूरोलाजी व न्यूरोलाजी के सुपर स्पेशियलिटी कोर्स भी संचालित किए जाएंगे। यहां से मेडिकल की विभिन्न फील्ड में एक्सपर्ट डाक्टर भी तैयार किए जाएंगे। एसएमआरटी की मदद से मेडिकल फीड में रिसर्च से डाक्टर्स को पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में हेल्प मिलेगी। यही नहीं, पेशेंट्स की जांच कर उनकी बीमारी से संबंधित जानकारी और बेहतर ढंग से उपलब्ध हो सकेगी।

सस्ता होगा ट्रीटमेंट
बेहतर तकनीक की मदद से ट्रीटमेंट भी सस्ता होगा और पेशेंट्स ट्रीटमेंट की बेहतरीन सुविधा मिलेगी। सेंट्रल गवर्नमेंट की हेल्प से इसे बनाया जा रहा है। स्टेट गवर्नमेंट भी 50 करोड़ रुपये की फाइनेंशियल हेल्प करेगी। वह प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपये देगी। वर्ष 2024-25 के लिए 10 करोड़ रुपये जारी करने की भी परमीशन दे दी गई है। 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल व एचएमआरटी के संचालन का पूरा खर्च आईआईटी कानपुर उठाएगा। इनके संचालन व उसके रख-रखाव के लिए गठित कमेटी में उप्र सरकार का एक सदस्य भी नामित किया जाएगा।

2026 तक शुरू हो जाएगा
आईआईटी के प्रोफेसर संदीप वर्मा ने बताया कि गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में जुलाई 2026 तक डिफरेंट एजूकेशनल प्रोग्राम शुरू होने की उम्मीद है। स्कूल पहले से ही आर्टिफिशियल हार्ट डेवलप करने पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि 500 बेड वाला यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पूरा होने पर पेशेंट्स को किफायती इलाज मिल सकेगा।


पूर्व आईआईटीयंस कर रहे फाइनेंशियल हेल्प
आईआईटी में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए संस्थान के पूर्व छात्र लगातार आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं। पूर्व छात्रों की ओर से करीब 250 करोड़ रुपये की मदद की जा चुकी है। इसकी मदद से आईआईटी परिसर में बिल्डिंग का निर्माण शुरू हो चुका है। अब स्टेट गवर्नमेंट से मंजूरी और बजट मिलने से काम और तेजी से होगीा।