गुरूवार को हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरा करते हुए मुख्य मंत्री तरूण गोगोई ने कहा, “स्थिति सामान्य हो रही है और हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हिंसा फिर से न भड़के.”

हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित असम के कोकराझाड़ इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू और उपद्रवियों को देखते ही गोली मार देने का आदेश लागू है।

राज्य में बीते पांच दिनों से जारी हिंसा में अकेले कोकराझाड़ जिले में 25 लोगों की मौत हो गई, वहीं चिरांग में 15 लोग मारे गए। ढुबरी में एक व्यक्ति की मौत हुई है।

सड़क के रास्ते गुवाहाटी से कोकराझाड़ की तरफ जाते हुए बीबीसी संवाददाता सुवोजीत बागची ने फोन पर बताया कि कि वहां के हालात काफी खराब हैं और स्थिति गंभीर बनी हुई है।

उनके मुताबिक स्थानीय और प्रशासनिक सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके आधार पर ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि इस हिंसा में कुल कितने लोगों की मौत हुई है।

राहत शिविर

हिंसा से प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए कुल 120 से ज्यादा शरणार्थी शिविर बनाए गए हैं, जिनमें दो लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं.  प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 30 कंपनियों को तैनात किया गया है।

जिन इलाकों से हिंसा की सबसे ज़्यादा खबरें आ रही हैं उनमें आदिवासी बहुल क्षेत्र कोकराझाड़, चिरांग, बास्का, उदयगिरी शामिल हैं। इन इलाकों में भी राहत शिविर बनाए गए हैं लेकिन वहां से कोई खास जानकारी नहीं मिल पा रही है।

कोकराझाड़ के फकीरा गांव से एक मुस्लिम व्यक्ति ने बीबीसी संवाददाता को फोन करके कहा कि उनके इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है।

हालांकि इस व्यक्ति के आरोप की पुष्टि नहीं की जा सकी है क्योंकि इस पूरे इलाके का बाकी के ज़िलों से संपर्क टूट चुका है और जो लोग यहां रह रहे हैं वो बाहर नहीं जाना चाह रहे हैं।

दूसरी तरफ बोडो समुदाय के लोगों ने भी आरोप लगाया है कि उनके साथ भी हिंसक वारदातें हो रही है और उनके लोगों की भी हत्याएं की जा रही हैं।

झड़पें

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार असम के आईजी पुलिस एलआर बिश्नोई ने कहा कि ढुबरी में पक्षों के बीच हुई झड़पों के दौरान पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे मारे गए लोगों की संख्या 41 तक पहुंच गई। पीटीआई के अनुसार दो लाख से ज्यादा लोगों ने राहत शिविरों में शरण लिया है, जबकि 11 लोग अभी भी लापता है।

केन्द्रीय गृह सचिव राज कुमार सिंह ने कहा कि हमने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि उपद्रव करने वाले दोनों ही पक्षों के नेताओं को तत्काल गिरफ्तार करे जिससे कि हिंसा पर रोक लगाई जा सके।

गृह सचिव ने असम में हो रही हिंसा में बंग्लादेश का हाथ होने से इनकार किया है, उन्होंने कहा,"अभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि असम में हो रहे हिंसा में बांग्लादेश का हाथ है." उधर राज्य के पुलिस महानिरीक्षक जेएन चौधरी ने असम में चल रही हिंसक घटनाओं को सांप्रदायिक हिंसा मानने से इनकार कर दिया।

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