कानपुर(ब्यूरो)। बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें विदेश भेजने वाले मानव तस्करों के मददगारों की तलाश में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) जुटा है। दिल्ली और लखनऊ के एयरपोर्ट का डाटा खंगालने के बाद अब पुलिस ने कानपुर एयरपोर्ट का डाटा खंगालना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां शहर में राष्ट्रपति के दो दिन के दौरे और भारत और न्यूजीलैंड के मैच को लेकर पुलिस अलर्ट थी वहीं दूसरी तरफ एटीएस ने भी अपना ऑपरेशन चला रखा था। दरअसल कानपुर, उन्नाव और फतेहपुर से महिलाओं की तस्करी कर उन्हें ओमान भेजा गया था। इस नेक्सस का कानपुर क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया था। कानपुर से लेकर बेंगलुुरु तक गिरोह में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं कई कानपुर, उन्नाव और पंजाब की आधा दर्जन महिलाओं को भी क्राइम ब्रांच ने बरामद कर ओमान से कानपुर तक मंगवाया था।

धर्म परिवर्तन की भी हो रही जांच
एटीएस की टीम ने क्राइम ब्रांच और संबंधित थानों से बीते दो दिनों से सारी जानकारी एकत्र की। कानपुर में धर्मांतरण और मानव तस्करी से पीडि़तों से भी बातचीत की। इसी कड़ी में एटीएस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करने वाले कुछ युवकों से पूछताछ भी की थी। जिसमें कानपुर के कुछ लोगों की जानकारी मिली थी। कुछ ट्रैवल्स एजेंटों की भी जानकारी मिली है, कानपुर के एटीएस ऑफिस में कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई है। उनके बैैंक खातों और परिवार वालों समेत मिलने वालों की जानकारी की गई है। जेल में बंद मानव तस्करी के आरोपियों की भी जानकारी की गई है।

दस्तावेज बनाने वाले की तलाश
एटीएस अब मानव तस्करों के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। एटीएस ने पुलिस रिमांड पर लिए गए रोङ्क्षहग्या मु.जमील और उसके साले नूर अमीन से लंबी पूछताछ की। सामने आए तथ्यों के आधार पर कई संदिग्धों की तलाश भी की जा रही है। दूसरी ओर एटीएस को उम्मीद है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिये गलत ढंग से विदेश भेजे गए घुसपैठियों को एयरपोर्ट में बोर्डिंग में मदद करने वाले कुछ और चेहरे जल्द बेनकाब होंगे।

उत्तराखंड से जुड़े आरोपियों के तार
आरोपियों के मोबाइल फोन की भी छानबीन की जा रही है। कुछ ऐसे नंबर भी सामने आए हैं, जिन पर अजय की अधिक बातचीत होती थी। उन नंबरों को भी खंगाला जा रहा है। एटीएस देहरादून निवासी अजय घिल्डियाल को भी 10 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। एटीएस इस गिरोह के जरिये विदेश भेजे गए बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के बारे में भी पड़ताल कर रही है।

कई महिलाएं कराई गईं थी मुक्त
मानव तस्करों ने अच्छी नौकरी का लालच देकर महिलाओं को ओमान भेजा था, आरोप है कि न वहां अच्छा खाना दिया जाता था और न ही जो रुपये तय किए गए थे वह दिया जाता था। इतना ही नहीं उïनके साथ अमानवीयता की घटनाएं भी की जाती थीं। जिले के कर्नलगंज और चकेरी में मानव तस्करी के मामले सामने आए थे। इसी थाने में केस दर्ज होने के बाद से पुलिस की सतर्कता बढ़ी था और तमाम बिंदुओं पर जांच के बाद केस दर्ज किया गया था।