-10 दिनों में ही कोरोना संक्रमितों की मौतों में बढ़ोत्तरी हुई है

- आधा दर्जन से ज्यादा युवा लोगों की जान भी इस वायरस ने ले ली

KANPUR: सिटी में कोरोना संक्रमण अपने क्रूरतम स्वरूप में आ चुका है। रोज सैकड़ों लोग इसकी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पहले से ज्यादा पॉवरफुल हो चुका यह वायरस अब किसी को भी नहीं छोड़ रहा है। बुजुर्गो के साथ युवा और बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं और अपनी जान तक गवा रहे हैं। सिटी में बीते क्0 दिनों में ही कोरोना संक्रमितों की मौतों में बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान आधा दर्जन से ज्यादा युवा लोगों की जान भी इस वायरस ने ले ली। यह युवा पहले से किसी गंभीर बीमारी से नहीं जूझ रहे थे। कोरोना संक्रमण ही इनकी जान का दुश्मन बना। वहीं अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो संक्रमित मिलने वालों में सबसे ज्यादा तादात युवाओं की ही है।

यंगस्टर्स से बुजुर्गो में संक्रमण

संडे रात जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब से आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट में क्क्7 नए संक्रमित मिले। इनमें ब्ख् संक्रमितों की उम्र फ्भ् साल या उससे कम थी। बीते साल भी संक्रमण की रफ्तार तेज होने के पीछे यंगस्टर्स को जिम्मेदार माना था क्योंकि वह घर से ज्यादा निकलते थे। इस वजह वह वायरस के प्रति ज्यादा एक्सपोज होते हैं। नगर निगम स्थित कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में काम कर रहे एक डॉक्टर बताते हैं कि संक्रमितों की जो सूची उनके पास आती है। उसमें होम आइसोलेशन में रहने वाले भ्0 फीसदी से ज्यादा लोग युवा ही होते हैं। ज्यादातर एसिम्टोमेटिक होते हैं, लेकिन कई में वायरस के लक्षण भी आ रहे हैं और वह बीमार भी हो रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ रहा है।

केस-क्-

कुछ घंटों में चली गई जान

दबौली निवासी फ्0 साल का युवक एक हफ्ते पहले तक ठीक से काम कर रहा था और खुद को पूरी तरह से स्वस्थ समझ रहा था। इसके बाद वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गया। सैटरडे रात को उसकी हालत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उसके लंग्स में इंफेक्शन फैल चुका था। उसकी जान कुछ ही घंटों में चली गई। परिजनों के मुताबिक उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी।

केस-ख्

रिपोर्ट आने से पहले तोड़ा दम

एक अप्रैल को चकेरी के विराट नगर में दो भाई मुंबई से लौट कर आए। फ्0 साल की उम्र वाले छोटे भाई को बुखार और खांसी तेज हुई तो उसने प्राइवेट लैब से अपनी कोरोना जांच कराई, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही उसने घर में दमतोड़ दिया। संक्रमण की चपेट में आए बड़े भाई के मुताबिक उसका भाई क्0 दिन पहले तक पूरी तरह से स्वस्थ था।

केस-फ्

बिगड़ती चली गई हालत

गुजैनी निवासी ख्म् साल की युवती पहले ही सांस की बीमारी से जूझ रही थी। पिछले हफ्ते उन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो परिजन पास के अस्पताल ले गए, लेकिन वहां से उन्हें एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। क्0 अप्रैल को उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। संक्रमण के दौरान उन्हें निमोनिया भी हो गया था और लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था।

- ब्0 साल से कम उम्र के 8 लोगों की बीते दिनों हुई मौत, तीन की उम्र फ्भ् साल से कम

- कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित होने वाले लोगों में ब्भ् फीसदी के करीब युवा

ब्ख्- फीसदी संक्रमित फ्भ् साल या उससे कम उम्र के

भ्भ् परसेंट- होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित युवा

8 - युवाओं की बीते क्0 दिनों में कोरोना से हुई मौत

ऐसा देखा गया है कि बेहतर इम्यूनिटी होने की वजह से यंगस्टर्स में वायरस उतना प्रभाव नहीं डालता,लेकिन उनके जरिए घर के बुजुर्गो और कोमार्बिड पेशेंट्स में अगर संक्रमण फैलता है तो उनकी हालत बिगड़ जाती है।

- डॉ। बृजेश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

वायरस के नए वैरियेंट आने के बाद से यंगस्टर्स में भी संक्रमण से उनकी सेहत पर काफी असर पड़ रहा है। उनमें अब ज्यादा लक्षण सामने आ रहे हैं और वायरल लोड भी मिल रहा है।

- डॉ। विकास मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज