कानपुर (ब्यूरो) सभी पैसेंजर्स ध्यान देंछोटेलाल पॉजिटिव आए हैैं। वे जहां कहीं भी हों, हेल्थ बूथ पर आ जाए। बस अड्डे पर यह उद्घोषणा सुन यात्रियों में हड़कंप मच गया। हर कोई छोटेलाल को ढूढऩे लगा। इसी बीच हेल्थ बूथ से छोटेलाल के मोबाइल पर फोन मिलाया गया तो उधर से जवाब दिया गया कि मैैं तो लखनऊ की बस में जा रहा हूं। ये हाल है झकरकटी बस अड्डे का। जहां बाहर से आए पैसेंजर्स का कोविड टेस्ट किया जा रहा है। इसी दौरान कर्नाटक से आए छोटेलाल का भी एंटीजेन टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें एनाउंसमेंट कर बुलाया जाने लगा। इसके बाद जब कल्लू नाम के यात्री की रिपोर्ट पॉजिटिव होने का एनाउंस किया गया तो बस अड्डे पर हटो बचो के हालात नजर आए।


ड्राइवर, कंडक्टर को भी नहीं परवाह
दोपहर साढ़े बारह बजे के आस पास बस स्टॉप के अंदर घुसते ही दाहिनी तरफ वाराणसी, प्रयागराज, फतेहपुर की जनरथ बसें खड़ी दिखीं। सामने आगरा, इटावा और रायबरेली प्रतापगढ़ की बसें भी खड़ी हैैं। कंडक्टर और ड्राइवर सवारी भर रहे हैैं, लेकिन न तो इन्हें कोविड से कोई डर है और न ही इसकी परवाह। इनके चेहरे पर न मास्क और न ही सोशल डिस्टेंसिंग और न ही कोविड प्रोटोकॉल का किसी तरह का पालन। केवल ये ही नहीं बस अड्डे पर तैनात पुलिस के जवान भी पूरी तरह से बेफिक्र दिखे। उनका मास्क जैकेट के अंदर वर्दी की जेब में टंगा दिखा।

वेंडर भी बांट रहे कोरोना
इस बस अड्डे पर प्रतिदिन 500 से ज्यादा बसें अलग-अलग रूटों की आती हैैं। इन बसों से कई हजार पैसेंजर्स भी रोज आते हैैं। इनकी सुविधा के लिए बस अड्डे पर दुकानें खोली गई हैैं। इन दुकानों पर भी बिना मॉस्क के लोग चाय नाश्ते के साथ कोरोना बांट रहे हैैं। बसों के अंदर घुसकर सामान बेचने वाले वेंडर्स तो और खतरा बने हैैं। कभी किसी को सामान देते फिर वही सामान दूसरे को दे देते। ऐसे में कोविड संक्रमण बढ़ा तो कौन जिम्मेदार होगा। इन वेंडर्स को बस के ड्राइवर और कंडक्टर नहीं रोकते और थाना पुलिस से उनकी सेटिंग रहती है।

पैसेंजर्स भी पूरी तरह लापरवाह
कोविड को लेकर रोडवेज बस अड्डे के पूछताछ कक्ष से लगातार कोविड से बचने के नियम और कोविड प्रोटोकॉल की जानकारी प्रसारित हो रही थी। हालांकि इस जानकारी को सुनने के बाद भी पैसेंजर्स पूरी तरह से लापरवाह दिखे। कोरोना का कोई भय नहीं, लोग एक दूसरे से मिलते जुलते नजर आए।