कानपुर (ब्यूरो)। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। देश में हजारों महिलाएं इसके कारण दम तोड़ देती हैं। हालात को देखते हुए बुधवार को पेश किए गए बजट में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए इसका टीका लगाने की भी घोषणा की गई। वहीं फ्राईडे को चर्चित एक्ट्रेस पूनम पांडेय की सर्वाइकल कैंसर से मौत की खबर सामने आई। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट सर्वाकाइल कैंसर को लेकर कानपुर में क्या हालात हैं, किस रफ्तार से पेशेंट बढ़ रहे हैं, ट्रीटमेंट और अवेयरनेस की क्या स्थिति है, इसको लेकर पड़ताल की।

40 की उम्र के बाद
डॉक्टर्स ने बताया कि आम तौर पर महिलाओं में 40 की उम्र के बाद होने वाली गंभीर बीमारी सर्वाइकल कैंसर का सिर्फ अवेयरनेस है। महिलाएं हर तीन साल में सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट करा कर इस गंभीर बीमारी से बच सकती हैं। हर तीन साल में इसका टीका भी लगवाया जा सकता है। डॉक्टर्स का मानना है कि बी एक से डेढ़ दशक में इंडिया में लड़कियों के सेक्सुअली एक्टिव होने की ऐज कम हुई है। इस वजह से सर्वाइकल कैंसर 30 साल की उम्र में भी हो सकता है। जबकि पहले यह बीमारी 40 से 50 उम्र की महिलाओं में देखने को मिलती थी। यहीं वजह है कि अवेयरनेस की जरूरत ज्यादा है। यंग एज अगर पीरियड्स के अलावा अक्सर ब्लीडिंग होती है या डिस्चार्ज होता है तो गायनकोलॉजिस्ट से चेकअप जरूर करा लें।

9 से 13 की उम्र में लगवाएं वैक्सीन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के गायनकोलॉजी डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रो। ऊरुज जहां ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए अब कई वैक्सीन इंडिया में बन चुकी हंै। जोकि बॉडी को काफी प्रोटेक्ट करती हैं। उन्होंने बताया कि 9 से 13 वर्ष की उम्र में अगर महिलाओं में ह्यूमन पैपिलोना वायरस से प्रोटेक्ट करने वाले वैक्सीन की निर्धारित डोज लग जाती है तो वह काफी प्रभावी होता है। भविष्य में उसे सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है।

अर्ली सेक्सुअली एक्टिव व मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर बड़ी वजह
एक्सपर्ट गायनकोलॉजिस्ट का मानना है कि महिलाओं में होने वाली जानलेवा बीमारी सर्वाइकल कैंसर की बड़ी वजह अर्ली सेक्सुअली एक्टिव व मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर भी हंै। इसकी वजह से महिलाओं में वैजाइनल इंफेक्शन हो जाता है। जिसको नजर अंदाज करने पर इंटर्नल इंजरी भी हो जाती है। जिसकी वजह से डिस्चार्ज व ब्लड आने की समस्या होती है। लिहाजा ऐसी कंडीशन में चेकअप कराना बहुत जरूरी है।
वैक्सीन की तीन डोज जरूरी
हैलट की गायनकोलॉजिस्ट प्रो। सीमा द्विवेदी ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर का कारण ह्यूमन पैपिलोना वायरस है। इस वायरस के भी नौ वैरिएंट होते हैं। जिससे बचाव के लिए इंडिया में वैक्सीन भी उपलब्ध है। इसकी निर्धारित तीन डोज लगवानी पड़ती है। क्योंकि वैक्सीन काफी कॉस्टली है। यहीं कारण है कि वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या अभी कम हैं। वैक्सीन लगवाने को लेकर महिलाओं को अवेयर किया जाता है। जिससे वह इस जानलेवा बीमारी से बच सकें। वैक्सीन को गवर्नमेंट हॉस्पिटल में भी मुफ्त या सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने की प्लानिंग हो रही है।

हर महीने लगभग 10 नए पेशेंट
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रो। ऊरुज जहां ने बताया कि गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में हर माह लगभग 10 नए पेशेंट सर्वाइकल कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए आते हैं। वहीं लगभग 15 सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित पेशेंट हर माह फॉलोअप के लिए आते है। डॉक्टर्स के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर की जानकारी समय पर होने से सर्जरी, कीमा व रेडियोथेरेपी से पेशेंट की जान को बचाया जा सकता है।


क्या होता है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होने वाला गंभीर प्रकार का कैंसर माना जाता है। सर्विक्स गर्भाशय का सबसे निचला भाग होता है, जो योनि से जुड़ता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यौन रूप से सक्रिय कम से कम आधे लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी एचपीवी संक्रमण हो सकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इस संक्रमण को कम कर देती है।