कानपुर (ब्यूरो) बलवंत की मौत हेडइंजरी से हुई थी। डाक्टरों के मुताबिक उन्होंने कई पोस्टमार्टम किए लेकिन पहली बार किसी के साथ ऐसी बर्बरता पहली बार देखी है। तीन डाक्टरों के पैनल ने मंगलवार देर रात करीब दो घंटे तक पोस्टमार्टम किया। इसमें बलवंत के शरीर के लगभग हर हिस्से में चोट के निशान मिले हैं। जिसमें पीठ, कमर, कमर से नीचे, दोनों पैरों, जांघों के साथ ही सिर पर करीब दो दर्जन चोटें मिली हैं। शरीर में जगह-जगह नीले और कालेपन के निशान हैं जो पुलिस की बर्बरता की कहानी कह रहे हैं। सिर में आई लाठी और डंडों की चोट से बलवंत कोमा में चला गया जिससे उसकी मौत की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में करीब 100 मिलीली। पचा हुआ खाना मिला है।

अंतिम संस्कार से इंकार
कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत लालपुर सराय गांव में रहने वाले व्यापारी बलवंत की पुलिस बर्बरता के चलते हुई मौत को लेकर परिजनों और ग्रामीणों में गुस्सा साफ तौर पर नजर आया। कानपुर नगर में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव लेकर गांव पहुंचे परिजन और ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।

सीएम को मौके पर बुलाने की मांग
परिजन शव को रखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग कर रहे थे। वहीं, गांव में हंगामे की जानकारी होते ही जिलाधिकारी नेहा जैन के साथ पूरा जिला प्रशासन और एसपी सुनीति के साथ पूरा पुलिस प्रशासन परिवार को मनाने में जुटा था, लेकिन परिवार एक भी सुनने को तैयार नहीं थे। वहीं, परिवार से मिलने पहुंचे बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने परिवार को समझाया और न्याय का भरोसा दिलाया, तब जाकर कहीं परिवार वाले माने और शव को अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए।


दोषी पुलिस कर्मियों पर होगी कड़ी से कड़ी कार्रवाई
मृतक बलवंत के परिवार वाले पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन से बात करने तक को तैयार नहीं थे और मौके पर मौजूद अधिकारियों के बीच ही उनके खिलाफ जमकर ग्रामीण नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान मृतक के गांव पहुंचे बीजेपी के सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पीड़ित परिजनों की पूरी बात सुनी और अधिकारियों की बात से पीडि़त परिजनों को अवगत कराया।
परिवार को भरोसा दिलाया कि उनकी सारी मांगों को शासन को अवगत करा कर जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा और पूरे घटनाक्रम में जितने लोग भी दोषी हैं, उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही होगी। तब जाकर कहीं परिवार माना, अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ। इस दौरान जिलाधिकारी नेहा जैन ने राहत राशि के रूप में 4 लाख रुपए की चेक परिवार को दी और जो भी सरकारी योजनाएं हैं उनका लाभ भी जल्द से जल्द दिलाने का परिवार को भरोसा दिया है।

कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया शव
सांसद देवेंद्र सिंह भोले के समझाने के बाद परिजन शव को घर ले जाने के लिए तैयार हो गए। इस दौरान शव को ले जाने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम कर रखा था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मृतक बलवंत के शव को घर ले जाया गया। बलवंत की अंतिम यात्रा में सांसद देवेंद्र सिंह भोले के साथ-साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों के अलावा सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण मौजूद थे।

परिजनों ने यह मांगें रखीं
- सीएम योगी आदित्यनाथ जी के आने के बगैर अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
- मृतक की पत्नी शालिनी सिंह को सरकारी नौकरी दी जाए। जिससे उसका व उसके परिवार का भरण पषण हो सके।
-वृद्ध माता-पिता के भरण-पोषण व बच्चों की शिक्षा के लिए एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाए।
- एफआईआर में नामजद सभी अभियुक्तों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया जाए।
- ये हत्या सुनियोजित है इसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी (रिटायर्ड जज) की देखरेख में गठन की घोषणा की जाए।


ये है पूरा मामला
कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत 6 दिसंबर को व्यापारी चंद्रभान के साथ हुई लूट की घटना के खुलासे में जुटी पुलिस टीम और एसओजी टीम ने संदेह के आधार पर 5 लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें लूट का शिकार हुए चंद्रभान का भतीजा बलवंत भी मौजूद था। वहीं, पूछताछ के दौरान बलवंत पुलिस की बर्बरता का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस अधीक्षक सुनीति के निर्देश पर 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए। वहीं, एसपी ने जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी। इसी के साथ देर रात पांच पुलिसकर्मी और डॉक्टर समेत सात लोगों के ऊपर हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।