- विकास दुबे के भाई दीपू की ऑटोमैटिक रायफल बरामदगी पर खड़े हुए सवाल, दोनों की कहानी अलग

>kanpur@inext.co.in

KANPUR : दुर्दात दुबे के भाई दीपू दुबे की लाइसेंसी सेमी ऑटोमेटिक रायफल व दोनाली बंदूक की बरामदगी पर सवाल खड़े हो गए हैं। कानपुर एसटीएफ की जांच और ¨भड पुलिस का गुडवर्क एक दूसरे की कहानी से मेल नहीं खा रहे। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में बसपा नेता की पहुंच कानपुर की एसटीएफ पर भारी पड़ी। आइजी मोहित अग्रवाल ने इस प्रकरण में जांच के आदेश्ा दिए हैं।

ऐसे बदली गई कहानी

बीते दिनों पकड़े गए लोगों में शामिल रामजी उर्फ राधे ने पुलिस को बताया था कि जनवरी 2021 में संजय परिहार उर्फ ¨टकू व अमन शुक्ला ने दीपू की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंग फील्ड राइफल और एक डीबीबीएल बंदूक इटावा-¨भड रोड पर स्थित दावत रेस्टोरेंट के मालिक और बसपा नेता सत्यवीर सिंह यादव उर्फ चतुरी के रिश्तेदार मनीष यादव, सुशील और बंटी यादव को बेच दिया था। वहीं शनिवार को ¨भड पुलिस ने मेहगांव निवासी अभिषेक से रायफल व ¨भड के शास्त्री नगर निवासी जग्गू उर्फ आकाश से दोनाली बंदूक बरामद कर इस कहानी को समाप्त कर दिया।

बॉक्स

इसलिए लिखी गई नई स्क्रिप्ट

सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय पुलिस की मदद से बसपा नेता चतुरी यादव ने अपने रिश्तेदारों को बचा लिया। बताया जा रहा है कि चतुरी यादव की मध्यप्रदेश की सियासत में ऊंची पहुंच है। उसने अपने रिश्तेदारों को बचाने के लिए भिंड पुलिस की मदद से नई स्क्रिप्ट तैयार की। इसको सही साबित करने के लिए दो नए लोगों को सामने लाया गया। जिनके पास से बरामदगी दिखाई गई।