कानपुर(ब्यूरो)। अगर आप ऑनलाइन लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं तो सावधान रहें। लोन के कई एप चल रहे हैं जो अधिकतर चाइनीज हैं। आवेदन करने के बाद में निर्धारित से कम या ज्यादा रकम भेजते हैं। आवेदन से लेकर रकम मिलने तक प्रोसेङ्क्षसग फीस का जिक्र नहीं किया जाता, लेकिन रकम आते ही प्रोसेङ्क्षसग फीस के नाम पर कटौती कर दी जाती है। इसके बाद लोन खत्म करने के नाम पर ब्लैकमेलिंग होती है।

36 परसेंट ब्याज लगाते
36 परसेंट तक ब्याज लगाकर रकम मांगी जाती है। विरोध करने पर ठग परिचितों और करीबियों को फोन करके और उनके सोशल मीडिया पर अश्लील मैसेज और फोटो, वीडियो आदि भेजकर परेशान करते हैं। एक महीने के भीतर 17 शिकायतें साइबर थाने पहुंची हैं। पुलिस के मुताबिक छानबीन में सामने आया है कि यह एप चाइनीज हैं। वहीं के सर्वर से ङ्क्षलक होने के चलते यहां से कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। साइबर थाना पुलिस मामलों की जांच कर रही है।

लोन देने के बाद ब्लैकमेलिंग
कर्नलगंज की युवती ने बताया कि नय फोन लेने के लिए एप के माध्यम से 2500 रुपये के लोन का आवेदन अपनी बहन की आईडी से किया था। उसके खाते में छह हजार रुपये का लोन स्वीकृत कर धनराशि भेज दी। अतिरिक्त रकम की वापसी के लिए कहा तो चार हजार रुपये काट लिए। दो दिन बाद उससे दस हजार रुपये की मांग की जाने लगी। विरोध करने पर उसके करीबियों, नाते-रिश्तेदारों और परिचितों को अश्लील मैसेज, फोटो और वीडियो भेजने लगे। आरोपियों ने आईडी से बहन की फोटो निकाल कर अश्लील फोटो एडिट कर वायरल कर दी। पीडि़ता ने साइबर थाने में शिकायत की है।

5 हजार स्वीकृत, मिले केवल 1650
अनवरगंज निवासी निखिल यादव ने लोन का आवेदन करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से हैपी कैश लोन एप इंस्टाल किया था। निखिल ने पांच हजार रुपये के लोन का आवेदन किया था, लोन स्वीकृत हुआ तो सिर्फ 1650 रुपये ही खाते में आए। निखिल ने विरोध किया तो ठगों ने उसके फोन की संपर्क सूची से परिचितों और करीबियों को फोन करके और अश्लील मैसेज भेजकर परेशान करना शुरू कर दिया। विरोध पर आरोपियों ने लोन से अधिक रकम की मांग करनी शुरू कर दी। इससे परेशान होकर पीडि़त ने साइबर थाने में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई है।

ऑनलाइन लोन के जरिये साइबर ठग धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। एक महीने में 17 शिकायतें आई हैं। छानबीन में सामने आया है कि अधिकतर एप चाइनीज हैं। जो वहीं के सर्वर से ङ्क्षलक हैं। जांच कराई जा रही है।
- हरमीत ङ्क्षसह, साइबर थाना प्रभारी