KANPUR: शहर में खुलेआम खून की दलाली चल रही है। ये दलाली का 'खेल' कुछ लोगों के गठबंधन से धड़ल्ले से चल रहा है। ब्लड डोनर पेशेवर नहीं होना चाहिए। पर सिटी में पेशेवर ब्लड डोनर्स जमकर खून बेच रहे हैं और कोई इनको रोक नहीं रहा है क्योंकि हर किसी को उसका हिस्सा मिल रहा है। ब्लड डोनर डे से पहले आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो मालूम चला कि खून की दलाली का पूरा गैंग सुनियोजित तरीके से अपना काम कर रहा है।

2500 रुपए का 1 यूनिट

उर्सला और मेडिकल कॉलेज कैंपस में आई नेक्स्ट को कई ऐसे लोग सैटरडे को मिले। जोकि पेशेवर ब्लड डोनर्स थे। जब उनसे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बातचीत की तो वो बोले, खून बेचकर वो पेट भरते हैं। पेशेवर ब्लड डोनर राजू ने बताया कि कुछ लोग जोकि उर्सला और हैलट के आसपास घूमते रहते हैं जब पेशेंट्स के तीमारदार उनके पास खून की जरूरत पर पहुंचते हैं तो वो पैसे लेकर खून आसानी से अवेलेबल कराने की बात करते हैं। वैसे उर्सला और हैलट में डोनर होने पर सिर्फ 400 रुपए में ही ब्लड मिल जाता है। लेकिन जिनके पास डोनर नहीं होता है उन लोगों को खून के दलाल अपना शिकार बनाते हैं। वो उनसे 400 रुपए के अलावा 2500 रुपए और लेते हैं। जिसके बाद आसानी से खून अवेलेबल करा देते हैं। राजू ने आई नेक्स्ट को बताया कि उन लोगों को एक बार खून देने के 500 रुपए ही मिलते हैं। इसके अलावा बचे हुए पैसे दलालों और दूसरे इम्प्लाइज में बंट जाते हैं।

सबके पास पहुंचता है पैसा

नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर पेशेवर ब्लड डोनर मो। इम्तियाज ने बताया कि कई लोगों के पास खून की दलाली का पैसा जाता है। उसने बताया कि हफ्ते में दो बार तो खून दे ही देते हैं। जब इम्तियाज से कहा कि ये तो तुम्हारी सेहत के लिए खतरनाक है तो उसका कहना था कि उसको गंभीर बीमारी है। ऐसे में मरना तो उसको है लेकिन कम से कम भूखे पेट तो नहीं मरना पड़ेगा। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस बीमार व्यक्ति जो खून डोनेट करता है। वो किसी जरूरतमंद को मिलेगा और उसको चढ़ाया जाएगा तो क्या होगा? ये शायद बताने की जरूरत नहीं है। सिटी में इस तरह के दर्जनों पेशेवर ब्लड डोनर्स खुलेआम घूम रहे हैं। लेकिन इनको रोकने वाला कोई नहीं है।

डोनर भी है अहम

पूर्व चिकित्साधिकारी डॉ। विक्रम सिंह बताते हैं कि जरूरतमंद को ब्लड मिले तो बहुत जरूरी है। लेकिन ये भी अहम है कि जो ब्लड दे यानि की डोनर भी पूरी तरह स्वस्थ्य होना चाहिए। जिससे की जिस खून के बदले आप खून ले रहे हैं वो जब किसी को चढ़ाया जाए तो फिर उस पेशेंट की जान बचाई जा सके।