-300 वर्ग मीटर से अधिक एरिया की बिल्डिंग में अनिवार्य रूप से लगाना होगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

-कमिश्नर ने जारी किए निर्देश, 31 मार्च तक का दिया समय, नक्शा नियमों का उल्लंघन करने पर होगी सीलिंग की कार्रवाई

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KANPUR: सिटी में लगातार कम हो रहे ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए नए सिरे से कवायद शुरू हो गई है। नगर निगम पार्को और बिल्डिंगों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवा रहा है। वहीं अब केडीए ने भी इसके लिए कमर कस ली है। ऊपरी छत अगर 300 वर्ग मीटर से अधिक है तो क्षमता के मुताबिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। वेडनसडे को केडीए का निरीक्षण कर कमिश्नर डॉ। राज शेखर ने इसको लेकर कड़े निर्देश केडीए वीसी को दिए। 31 मार्च तक का समय देते हुए कमिश्नर ने कहा कि गवर्नमेंट के साथ ही घरों में भी नक्शा नियमों के मुताबिक इसे लगवाना होगा।

10 साल के नक्शों की जांच

31 मार्च 2021 के बाद बीते 10 वर्षो में जिन भी बिल्डिंग के नक्शे जारी हुए वहां जांच की जाए और हार्वेस्टिंग न मिलने पर बिल्डिंग को सील कर अन्य कार्रवाई की जाए। कमिश्नर ने बताया कि कानपुर डिवीजन में 15,000 गवर्नमेंट बिल्डिंग (सभी ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, संस्थान आदि सहित) में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा होना चाहिए। लगभग 2500 बिल्डिंग में ही लगा है। अगले 1 साल में सभी 12,500 गवर्नमेंट बिल्डिंग में इस सिस्टम को लगाया जाएगा। वहीं कमिश्नर ने मंडल के सभी डीएम को इसकी समीक्षा मंथली करने के निर्देश दिए हैं।

1 महीने में पूरा किया मॉडल

ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के लिए कमिश्नर ने पॉलिटेक्निक स्थित आईआरडीटी ऑफिस में हार्वेस्टिंग सिस्टम के मॉडल को भी देखा। इसे नई टेक्निक के साथ 1 महीने में पूरा किया गया था। इसमें 4 चेंबर हैं जो हर साल लगभग 3 लाख हजार लीटर पानी बचाते हैं। इसे मात्र 25 लाख में तैयार किया गया था।

केडीए बनेगा मॉडल

2012 में केडीए बिल्डिंग में बने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का रखरखाव सही हालत में नहीं मिला। इससे हर साल 7.76 लाख लीटर पानी बचाया जाता है। अब तक इसमें 'पीजोमीटर' (ग्राउंड वाटर की गहराई मापने के लिए) नहीं लगा है। इसे एक मॉडल के रूप में डेवलप किया जाएगा और डेवलपर्स और पब्लिक को भी इसे दिखाया जाएगा।