कानपुर (ब्यूरो) विकास नगर डिपो के तत्कालीन एआरएम के मुताबिक सिटी में संचालन को आई जेएनएनयूआरएम की 270 बसों में 10 बसें एसी लो फ्लोर थीं। एक बस की कीमत लगभग 50 लाख रुपए थी। वहीं नॉन एसी लो फ्लोर बस की कीमत लगभग 40 लाख के आसपास थी। इसके अलावा 30 मिनी बसें भी इसमें शामिल थीं। इन बसों के मेंटीनेंस का टेंडर रोडवेज ने एक कंपनी को दे दिया। बसों का मेंटीनेंस समय पर नहीं होता था। लिहाजा पांच साल में ही एसी बसों का दम निकल गया।

टायर व एसी हो गए गायब
विकास नगर डिपो में मेंटीनेंस के अभाव में खराब होकर खड़ी हुई एसी लो फ्लोर बसों के टायर व एसी कब और किसने गायब कर दिए। इसका पता आज तक नहीं चला है। रोडवेज के अधिकारी तक नहीं बता पाए कि बसों में लगा कीमती सामान कहां चला गया। वर्तमान एसी लो फ्लोर बसों में कुछ बसें विकास नगर डिपो व कुछ फजलगंज डिपो में कबाड़ की हालत में खड़ी हुई हैं। जो अब मेंटीनेंस करने के बावजूद चलने योग्य नहीं हैं।

162 बसों का संचालन
रोडवेज आरएम अनिल अग्रवाल ने बताया कि जेएनएनयूआरएम बसें मेंटीनेंस के आभाव में एक-एक कर डिपो में खड़ी होती जा रही थीं। जिसकी वजह से रोडवेज ने मेंटीनेंस का टेंडर कंपनी को देने के बजाए खुद करने का निर्णय लिया। बसों का संचालन एक डिपो को देने के साथ ही बसों से आने वाली कमाई से ही मेंटीनेंस व स्टाफ की सैलरी निकालने की योजना बनाई गई। इस योजना ने एक बार फिर से जेएनएनयूआरएम की बसों को जीवत कर दिया। वर्तमान में 270 बसों में 162 बसों का संचालन सिटी में हो रहा है। वहीं लगभग 80 बसें शासन के आदेश पर मेरठ भेज दी गई हैं।