- इंस्टेंट मनी लैडिंग एप न बन जाए आपकी लाइफ का सबसे बड़ा सरदर्द, संभल कर करें इस्तेमाल

- लोन एप से हैरिसमेंट के एक के बाद एक मामले सामने आने के बाद एक्टिव हुआ सिस्टम, आरबीआई और पुलिस दोनों ने चेताया

KANPUR: मोबाइल एप के जरिए इंस्टेंट लोन लेने में जरा सी लापरवाही आपकी जिंदगी नर्क बना सकती है। मोबाइल एप के जरिए इंस्टेंट लोन देने वाली मनी लाडिंग एप में चाइनीज खतरा भी छुपा हुआ है। किसी रेग्युलेटिंग अथारिटी के तहत काम नहीं करने की वजह से इन एप से जुड़े हैरसमेंट और वसूली के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में यूपी पुलिस की ओर से भी इस बाबत सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। जिससे इंस्टेंट लोन के चक्कर में बेमतलब की परेशानी न झेलनी पड़ जाए।

क्या बला है इंस्टेंट लोन एप

गूगल प्ले स्टोर में 100 से ज्यादा ऐसी एप मिल जाएंगी जो इंस्टेंटली 1 हजार से 1 लाख रुपए तक का लोन मुहैया कराती है। इन एप्स की लोन देने की अपनी पॉलिसी है, जो किसी भी गवर्नमेंट रेग्युलेटरी अथारिटी के दायरे में नहीं आती है। ज्यादातर एप्स 10 परसेंट से 40 परसेंट तक के एनुअल मंथली या डेली की दर से इंटरेस्ट रेट लेती हैं। साथ ही लोन लौटाने में जरा सी देरी पर भारी पैनाल्टी लगाती हैं। इन मोबाइल एप्स के ऑपरेटर्स में कई चाइनीज कंपनियों की भी पुष्टि हो चुकी है। यह यूजर का पर्सनल डाटा भी कई बार यूज करके उसे टार्चर करती है। ऐसी कई शिकायतें बीते दिनों सामने आ चुकी है।

कैसे फंसते हैं इंस्टेंट लोन के जाल में

- इंस्टेंट लोन लेने वाले यूजर को सबसे पहले एप पर अपनी सभी फार्मेलिटीज पूरी करनी होती है। इसमें खुद के फोन नंबर्स के साथ फैमिली में भी किसी का नंबर देना होता है।

- एप डाउनलोड करने के वक्त पर आपको अपना आधार कार्ड, तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, पैन कार्ड की कापी भी शेयर करनी होती है। जिसमें कुछ ही मिनट का समय लगता है।

- प्रोसेस पूरा होने के बाद 1 हजार से 1 लाख रुपए तक की लोन की रकम इंस्टेंटली आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। लोन अप्रूव करने के दौरान प्रोसेसिंग फीस या जीएसटी के नाम पर भी कुछ अमाउंट लिया जाता है।

- कुछ एप महीने के हिसाब से तो कुछ एप दिन के हिसाब से भी लोन पर इंटरेस्ट चार्ज करती हैं। इनके इंटरेस्ट रेट 10 परसेंट से लेकर 60 प्रतिशत तक भी होते हैं।

- लोन लेने के कुछ दी दिनों के बाद मोबाइल यूजर को कई दूसरी इंस्टेंट मनी लैडिंग एप से भी मैसेजेस आने लगते हैं और लोन के ऑफर्स भी मिलते हैं।

- इन इंस्टेंट लोन एप के अपने रिकवरी एजेंट भी होते हैं। जो कॉल सेंटर्स के जरिए लोन लेने वाले के संपर्क में रहते हैं।

- लोन को पे करने की एक भी किश्त में अगर देरी होती या आप उसे नहीं दे पाते हैं तो यह एप प्रतिदिन के हिसाब से पैनाल्टी चार्ज करते हैं। कई बार इस पैनाल्टी का अमाउंट ही लोन ली गई रकम से ज्यादा हो जाता है।

- जिसे चुकाने के लिए मजबूरी में दूसरा लोन लेता है और इन एप के जाल में फंस के रह जाता है।

कैसे-कैसे इंस्टेंट लोन एप?

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फंसे तो किसके पास जाओगे?

मोबाइल पर एप के जरिए इंस्टेंट लोन देने वाली 100 से मनी लैडिंग एप प्लेस्टोर पर मौजूद हैं। इसमें कई एप चाइनीज कंपनियों की भी है। यह मनी लैडिंग एप न तो किसी शेडयूल्ड कॉमर्शियल बैंक और न ही किसी नॉन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनीज से रिलेटेड होती है। जिसे आरबीआई या बैकिंग लोकपाल भी गवर्न नहीं करता। ऐसे में अगर इंस्टेंट मनी लैडिंग एप के जाल में फंसते हैं तो उसकी शिकायत किससे करेंगे यह बड़ा सवाल है।

आरबीआई ने बनाई वर्किंग कमेटी

इंस्टेंट मनी लैडिंग एप से जुड़ी कई शिकायतें सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसे लेकर एक वर्किंग कमेटी बनाई है। जो तीन महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी। यह कमेटी एप बेस्ड लोन सिस्टम में फ्रॉड और हैरसमेंट की संभावना को कम करने के लिए एक ट‌र्म्स ऑफ रिफरेंस तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस तरह की एप को लेकर रेग्युलेशंस बनाए जाएंगे।

किसी भी मनी लैडिंग एप को लोड करने से पहले उसके रिव्यूज पढ़े, यह रिव्यूज किन नामों से किए गए इस पर भी ध्यान दें। लोन लेने से पहले उसकी इंटरेस्ट रेट और लोन देने की पॉलिसी को ठीक से पढ़े। किसी भी तरह का शक होने पर लेनदेन से बचे। अपनी डिटेल्स शेयर न करे।

- मनीष गोयल,

साइबर एक्सपर्ट

एप से लोन देने के नाम पर भी कई फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। मोबाइल यूजर्स को भी इसे लेकर सतर्क रहना होगा। उन्हें अपनी डिटेल्स शेयर करने से बचना होगा। अगर धमकी भरे या वसूली से जुड़े कॉल्स आएं तो कंप्लेन करें पुलिस कार्रवाई करेगी।

- डॉ.प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी कानपुर नगर