कानपुर (ब्यूरो)। खाकी वर्दी पहनने वाला हर शख्स पुलिसकर्मी नहीं होता। इसलिए राह चलते कोई खुद को पुलिसकर्मी बताकर चेकिंग करने को कहे तो अलर्ट रहें। गोङ्क्षवद नगर में पुलिसकर्मी बनकर तीन टप्पेबाज चेङ्क्षकग के नाम पर सराफा कारोबारी प्रदीप वर्मा से पांच लाख के जेवरात ले गए। टप्पेबाजी का अहसास होने पर पीडि़त व्यापारी ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने रिपोर्ट दर्जकर आरोपियों की तलाश शुरू की है। 19 मई को भी दो टप्पेबाजों ने इसी तरह नौबस्ता बाईपास के पास कपड़ा व्यापारी से 1.23 लाख रुपये की टप्पेबाजी की थी।

26 मई की है वारदात
प्रदीप वर्मा ने बताया कि 26 मई को वह व्यापारिक काम से जा रहे थे। रास्ते में जैना पैलेस के पास उन्होंने स्कूटी में पेट्रोल डलवाया। कुछ दूर जाने पर स्कूटी पंक्चर होने पर वह स्कूटी को पैदल लेकर जा रहे थे। तभी बाइक सवार दो युवकों ने उन्हें आवाज देकर रोका। खुद को पुलिसकर्मी बताकर चेङ्क्षकग कराने को कहा। वजह पूछी तो एक शख्स ने नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में तैनात होने की बात कहते हुए ड्रग्स तस्करी का आरोप लगाया।

पुलिस का दिखाया आईकार्ड
चेङ्क्षकग के दौरान आरोपियों ने पुलिस का आई कार्ड दिखाते हुए कहा कि शहर में लूट की वारदातें होने के बावजूद आप लोग चेन व अंगूठी पहनकर चलते हैं। घटना होती है तो पुलिस को जिम्मेदार बताते है। तभी उन लोगों ने वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार को रोककर उसकी चेङ्क्षकग की। उसके जेवरात उतार कर कागज में रखकर दे दिए। जिसके बाद प्रदीप ने भी एक चेन, चार अंगूठी उतार दीं। आरोपियों ने चेन और अंगूठी कागज में लपेटकर दे दीं। कहा कि डिग्गी में रख लो। प्रदीप ने घर जाकर कागज की पुडिय़ा निकाली तो उसमें नकली जेवरात थे। जिसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ। थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी कैद मिले हैं।