- पॉजिटिव होने के बाद घबराएं नहीं, बीमारी का हौवा न होने दें हावी, दवाइयां लेने के साथ इच्छाशक्ति को रखें मजबूत

- मोटीवेशनल स्टोरी पढ़ें, फिल्में देखें, 10 से 15 दिन धैर्य बनाकर डटे रहें, कोरोना खुद ही हार जाएगा

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KANPUR : मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। ये लाइने पढ़ने में तो साधारण सी लगती हैं लेकिन विषम परिस्थितियों में किसी टॉनिक से कम नहीं। कोरोना महामारी के दौरान अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वो है हौसला। इस हौसले के दम पर लोग कोरोना को मात दे रहे हैं। घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। इसी शहर में ऐसे भी लोग हैं, जिनका पूरा परिवार कोविड पॉजिटिव हुआ था लेकिन उन्होंने धैर्य बनाए रखा और डटे रहे। आखिराकर खुद के साथ पूरे परिवार को इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकाला और दूसरों के लिए मिसाल बने। आप भी मिलिए इन कोरोना वारियर्स से।

मन को किया मजबूत, दोस्तों ने बढ़ाया हौसला

अक्टूबर 2020 को बुखार का अहसास हुआ। सबसे पहले घरवालों से दूरी बना ली। उन्हें भी कोविड प्रोटोकॉल समझा दिया। लेकिन, इस तरह का माहौल बना था कि लग रहा था कि न जाने क्या हो गया? रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो खुद को आइसोलेट कर लिया। फोन पर दोस्तों और परिजनों से संपर्क में रहा। सभी ने हिम्मत दी। आत्मविश्वास नहीं टूटने दिया। इस दौरान लगान फिल्म भी कई बार देखी, जिससे लगा कि जीत आखिर होकर रहेगी। इसके बाद वो समय भी आया, जब रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसलिए घबराएं नहीं, डरे नहीं। पॉजिटिविटी बनाएं रखें। हंसते हुए समय गुजारिए।

संजय राय, कारोबारी

खुद के साथ परिवार को भी संभाला

16 सितंबर को पता चला कि पॉजिटिव हो गया हूं। जिसके बाद होम आइसोलेट हो गया। लगातार तीन रिपोर्ट पॉजिटिव आई फिर हिम्मत नहीं हारी। दवाइयां लेता रहा। मुझसे ज्यादा घरवाले डरे थे। ऐसे में खुद को हिम्मत देने के साथ ही घरवालों को समझाया। कुछ दिन की बात है सब ठीक हो जाएगा। मेडिकल लाइन से जुड़े होने की वजह से डॉक्टरों से संपर्क में रहा। जिसकी वजह से मेरी चौथी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। मेरी सभी लोगों से अपील है कि घबराने, डरने और पैनिक क्रिएट करने से ज्यादा सतर्क और सजग रहने की जरूरत है। कोशिश करें घर से बाहर न जाना पड़े। अगर पॉजिटिव हैं वे खुद को बीमार न समझें। कोरोना जल्द ही हार मान लेगा।

रज्जनलाल जायसवाल, दवा कारोबारी

घबराकर नहीं डटकर जीती जंग

जुलाई 2020 में मेरी फैमिली में पापा को छोड़कर सभी लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सभी को हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां के रूम्स, वॉश रूम्स बहुत गंदे थे। जिसे देखकर घबराहट हुई लेकिन हिम्मत से काम लिया। फ्रेंड्स का बहुत सपोर्ट रहा, सभी बारी-बारी से हाल चाल लेते रहे जिसे हौसला मजबूत रखने में मदद मिली। निराशा को मन में पनपने नहीं दिया। समय से दवाइयां लीं, काढ़ा पिया। कोविड ट्रीटमेंट का पूरा प्रोटोकॉल फॉलो किया। आखिरकार मेरी जीत हुई और कोरोना हार गया। इसलिए धैर्य बनाए रखें, मन को मजबूत रखें। कोरोना खुद ही हार जाएगा।

आयुषी अग्रवाल, स्टूडेंट

दिल से नहीं दिमाग से काम लें

9 जुलाई को खांसी महसूस हुई। थकान, बॉडी पेन और फीवर आया। जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शिखा कहती हैं कि मेरे साथ मेरे दोनों बच्चे भी पॉजिटिव हो गए। कांशीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। लोग कोरोना पॉजिटिव मरीजों से दूरी बना लेते हैं ऐसे में ये लगता है कि हमारा कोई नहीं। लेकिन, दूरी नहीं बनानी चाहिए। कोरोना हवा में उड़कर नहीं पकड़ लेगा। लोगों को चाहिए कि वे दिल से नहीं दिमाग से काम लें। सजग और सतर्क रहें। खुद भी हिम्मत रखें और दूसरों का हौसला बढ़ाएं। मैंने समय पर दवाएं ली और हिम्मत बनाए रखी। अगली रिपोर्ट निगेटिव आई।

शिखा अग्रवाल, हाउस वाइफ

इन बातों का रखें ध्यान

- मॉस्क और ग्लव्स का इस्तेमाल करें।

- इसे तरीके से उतारें, मुंह पर हाथ न लगाएं।

- सिर और शरीर के अंगों को ढक कर रखें।

- मेटल पर वायरस 6 घंटे तक रहता है।

- लकड़ी और दीवार पर कम समय रहता है।

- लिफ्ट का इस्तेमाल करते समय सावधानी रखें।

- कमरों का एसी न चलाएं, पंखे से काम चलाएं।

- बेवजह भीड़-भाड़ में न जाएं।

- पॉजिटिव होने पर समय से दवा लें।

- हर आधे घंटे में हाथ अच्छी तरह से साफ करें।

- गुनगुना पानी पिएं, गरारा करें और गर्म पानी से नहाएं।

कोविड के कारण हालात खराब हैं। मुश्किल दौर है लेकिन हमें रिकवरी रेट भी देखना चाहिए। पॉजिटिव होने के बाद ज्यादातर लोग 10 से 15 दिन में ही पूरी तरह ठीक हो रहे हैं। इसलिए घबराएं नहीं। मास्क और सैनेटाइजर का यूज कीजिए। दवाइयों के साथ हौसले और हिम्मत की टॉनिक लेते रहिए। कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

डॉ। प्रदीप त्रिपाठी, फिजीशियन, मेडिकल ऑफिसर नगर निगम हॉस्पिटल