कानपुर (ब्‍यूरो)। साल 2020 में पूरी दुनिया ने ही हेल्थ से जुड़े सबसे बड़े चैलेंज को फेस किया। पूरा साल कोरोना वायरस के डर और उससे जीत में निकल गया। वहीं कानपुराइट्स के लिए नए साल में उनकी सेहत को बेहतर रखने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स की सौगात मिलने जा रही है। जिसके बाद कई बाद उनकी इलाज के लिए दिल्ली और लखनऊ की भागदौड़ कम हो जाएगी। सवा दो सौ करोड़ से ज्यादा के यह प्रोजेक्ट्स इस साल पूरे हो जाएंगे। इनमें से सबसे अहम है मेडिकल कॉलेज में बन रहा मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक जोकि इलाज और जांच की कई तरह की मुश्किलों को कम कर देगा।

सबसे बड़ा वैक्सीनेशन श्ाुरू होगा

एक तरफ जहां कानपुराइट्स के लिए नए साल से कोरोना वायरस से बचाने के लिए सबसे बड़ा वैक्सीनेशन शुरू होगा वहीं दूसरी ओर इन नई सौगातों से कानपुराइट्स की इलाज से जुड़ी टेंशन भी कम हाजाएगी।

बर्न यूनिट यूनिट एक नजर में

- हेल्थ मिनिस्ट्री के नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन ऑफ बर्न इंजरी के तहत जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हो रहा है बर्न यूनिट का निर्माण

- 4 करोड़ रुपए बिल्डिंग के निर्माण में और 1.5 करोड़ रुपए उपकरणों के लिए होने हैं खर्च

- 30 बेड की प्लास्टिक सर्जरी विभाग की पूरी यूनिट, 6 बेड आईसीयू, 6 बेड एचडीयू और मॉड्यूलर ओटी

मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक पर एक नजर

- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 200 करोड़ की लागत से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट हॉस्पिटल में हो रहा है सुपरस्पेशिएलिटी विंग का निर्माण

- 110 करोड़ रुपए से बिल्डिंग निर्माण और 90 करोड़ रुपए से उपकरणों की होनी है खरीददारी, 240 बेडेड 6 स्टोरी बिल्डिंग

- 8 सुपरस्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट(नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रिक सर्जरी, इंडोक्राइनोलॉजी,आर्थोपेडिक आर्थोप्लास्टी, पेन पैलिएटिव मैनेजमेंट, पीडियाट्रिक सर्जरी.)

- 8 मॉडयूलर ओटी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सोलर प्लांट,आईसीयू, 25 सीटें पीजी की बढ़ेंगी, सुपरस्पेशिएलिटी कोर्सेस भी शुरू हा सकेंगे

डिजास्टर मैनेजमेंट स्किल ट्रेनिंग सेंटर पर एक नजर -

- 3.25 करोड़ रुपए से हेल्थ मिनिस्ट्री ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में इस सेंटर को खोलने के लिए अक्टूबर 2018 में दी सहमति

- पुखरायां रेल एक्सीडेंट के बाद घायलों के ट्रीटमेंट के बेहतर मैनेजमेंट के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को मिला था तोहफा

- डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ को मिलती इस सेंटर ट्रेनिंग

- एलएलआर हॉस्पिटल की रिसेप्शन बिल्डिंग के ऊपर इस सेंटर के निर्माण पर बनी है सहमति

नया मुरारी लाल टीबी चेस्ट हॉस्पिटल

8- करोड़ की लागत से चार साल पहले स्वीकृत हुआ था रेनोवेशन

90- परसेंट रेनोवेशन का काम पूरा

6 बेड- की क्रिटिकल केयर यूनिट अभी एमएल चेस्ट हॉस्पिटल में

12 बेड- का हो जाएगा आईसीयू रेनोवेशन कंप्लीट होने के बाद