-डीएफसी ट्रैक के शुभारंभ के मौके पर चलाई गई 116 कोचों की 2 ट्रेनें, 10 की जगह 5 घंटे में पहुंचीं

-डेढ़ किमी लंबी ट्रेन ने 351 किमी। की दूरी 303 मिनट में पूरी की, पहले कभी इस स्पीड में नही दौड़ी मालगाड़ी

KANPUR न्यू भाऊपुर स्टेशन पर डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (डीएफसी) के इनॉग्रेशन के ठीक 5 घंटे बाद भारतीय रेल के इतिहास में 2 रिकॉर्ड दर्ज हो गए। पहला रिकॉर्ड 351 किमी। की दूरी को 303 मिनट में पूरी करने का था और दूसरा रिकॉर्ड 1.50 किमी लंबी ट्रेन के दौड़ने का। इससे पहले देश में कहीं भी इतनी लंबी मालगाड़ी इस स्पीड से नहीं चलाई गई। खुर्जा से न्यू भाऊपुर सेक्शन के बीच डीएफसी ट्रैक शुरू होने से कानपुर, खुर्जा, हाथरस, फिरोजाबाद, आगरा केउद्योगों को नई दिशा मिलेगी। वहीं दूसरी ओर पैसेंजर ट्रेनों की लेटलतीफी से पब्लिक को काफी राहत मिलेगी। यह शब्द पीएम नरेंद्र मोदी ने डीएफसी ट्रैक के इनॉग्रेशन प्रोग्राम के दौरान कहे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री के हाथों डीएफसी ट्रैक का इनॉग्रेशन होने के बाद ट्यूजडे को 116 कोच की कोयला लोडेड गुड्स ट्रेन भाऊपुर से खुर्जा के लिए सुबह 11:22 बजे रवाना की गई। यह ट्रेन खुर्जा शाम 6:32 बजे पहुंच गई। वहीं खुर्जा से गेंहू व चावल लोड कर के भाऊपुर के लिए सुबह 11:20 बजे रवाना की गई ट्रेन शाम 4:50 बजे पहुंची। यही गुड्स ट्रेनें दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक के माध्यम से खुर्जा से भाऊपुर तक 351 किमी का सफर लगभग 10 घंटे में तय करती है।

क्या होंगे फायदे?

- डीएफसी ट्रैक में गुड्स ट्रेन रेलवे ट्रैक की अपेक्षा 3 गुना अधिक स्पीड से चलेगी।

- व्यापारियों को माल कम समय में पहुंचेगा और भाड़े में भी काफी रियायत मिलेगी।

- डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर 'डीएफसी' माल भेजने की रफ्तार को दो गुना कर देगा।

- इसका प्रमाण पहले ही दिन खुर्जा से भाऊपुर के बीच चली पहली 116 कोच की गुड्स ट्रेन ने दे दिया।

- जो सफर 10 घंटे में गुड्स ट्रेन तय करती थी।

- वह सफर डीएफसी ट्रैक में गुड्स ट्रेन ने मात्र पांच घंटे में तय किया

- प्रयागराज में 150 साल पुरानी तकनीक को हटाकर नए एकीकृत कंट्रोल रूम की भी शुरुआत की गई।

- रेलवे आफिसर ट्रैक में दौड़ने वाली एक-एक ट्रेन की एक्जिट लोकेशन की जानकारी ले सकते हैं

यूपी के उद्योगों के लिए बूस्टअप

डीएफसी ट्रैक के इनॉग्रेशन के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रोग्राम में सम्मलित रहे। इन्होंने खुर्जा से भाऊपुर तक शुरू हुए डीएफसी लाइन को सभी की बधाई दी। उन्होंने बताया कि पूर्वी डीएफसी प्रोजक्ट का लगभग 75 परसेंट भाग यूपी में है। जिसकी वजह से यूपी के उद्योग को अधिक स्पीड मिलेगी। उन्होंने रेलमंत्री से रेल विकास कार्यो में यूपी गवर्नमेंट का पूरा सपोर्ट देने का आश्वासन भी दिया।

लटकाया, अटकाया, भटकाया

पीएम मोदी ने डीएफसी ट्रैक के इंनॉग्रेशन के दौरान कहा कि यह डीएफसी प्रोजक्ट को 2006 में मंजूरी मिली थी। तत्कालीन सेंट्रल गवर्नमेंट ने इस प्रोजक्ट में 8 साल में 4,200 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद एक किमी का भी ट्रैक नहीं तैयार किया। उन्होंने डीएफसी प्रोजक्ट को लटका दिया, अटका दिया, भटका दिया। ईयर-2014 के सरकार ने इस प्रोजक्ट को गंभीरता से लिया और बीते 6 सालों में 45 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च किए। जिसमें 351 किमी। का डीएफसी ट्रैक शुरू भी कर दिया गया।