- बीएड और डीएलएड कॉलेजों का केस, एनसीटीई ने मांगी थी एप्रेजल रिपोर्ट

-कॉलेज संगठनों ने इसके विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था

KANPUR: बीएड और डीएलएड के कॉलेजों की मान्यता पर तलवार लटक रही है। दरअसल, दो साल पहले नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजूकेशन 'एनसीटीई' ने नैक ग्रे¨डग, जमीन, शिक्षक, पढ़ाई, लाइब्रेरी और क्लासेस समेत तमाम चीजों की एप्रेजल रिपोर्ट मांगी थी। कॉलेज इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चले गए जहां से उनकी याचिका थर्सडे को खारिज कर दी गई। अब एनसीटीई इन कॉलेजों पर कार्रवाई की तैयारी कर सकता है। निर्णय आने के बाद अब कॉलेज इस बात से ¨चतित हैं।

18 हजार से अधिक टीचर

एनसीटीई ने 2019 में आदेश जारी किया था कि देश के सभी टीचर प्रशिक्षण संस्थान अपनी ऑनलाइन परफार्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट भेजें लेकिन कॉलेज संगठनों ने एनसीटीई के खिलाफ याचिका दायर कर दी थी। थर्सडे को कोर्ट ने इस याचिका पर कॉलेज एसोसिएशन के खिलाफ अपना निर्णय सुनाया है। जिन्होंने मानक पूरे होने का एप्रेजल नहीं दिया है उनमें राजकीय महाविद्यालय, डायट, सहायता प्राप्त महाविद्यालय व स्ववित्तपोषित शामिल हैं। देशभर में 18 हजार से अधिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय हैं।

5500 हजार कॉलेज

प्रदेश में साढ़े पांच हजार कॉलेज हैं जिनमें ढाई हजार बीएड कॉलेज हैं। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से ऐसे ढाई सौ शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय जुड़े हुए हैं। यूनिवर्सिटी से संबद्ध इन कॉलेजों में 25 हजार स्टूडेंट्स स्टडी करते हैं। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ सेल्फ फाइनें¨सग कॉलेज के महामंत्री विनय त्रिवेदी ने बताया कि एनसीटीई पहले भी बीएड, बीपीएड व एमएड समेत अन्य शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों को नोटिस जारी कर चुका है इससे कॉलेजो में हड़कंप व अनिश्चितता की स्थिति हो गई है। इस संबंध में जल्द ही विभिन्न प्रदेश के महाविद्यालय संगठन की बैठक बुलाई जाएगी।